अयोध्या में राममंदिर के निर्माण में आई बड़ी बाधा, एक्सपर्ट्स और आईआईटी की टीम कर पाएगी समाधान ?

अयोध्या में राममंदिर के निर्माण में आई बड़ी बाधा, एक्सपर्ट्स और आईआईटी की टीम कर पाएगी समाधान ?

अयोध्या में राममंदिर के निर्माण में आई बड़ी बाधा, एक्सपर्ट्स और आईआईटी की टीम कर पाएगी समाधान ?
Modified Date: November 29, 2022 / 08:44 pm IST
Published Date: December 16, 2020 9:12 am IST

अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण कार्य में एक बड़ी तकनीकी परेशानी सामने आ गई है जिसने राममंदिर प्रेमियों के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है। राम मंदिर के निर्माण का काम कराने के लिए हुई जांच में नींव के नीचे बलुआ मिट्टी होने की बात पता चली है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बलुआ मिट्टी उन मानकों के अनुरूप नहीं है जिनके आधार पर निर्माण होना है। 

ये भी पढ़ें: किसानों, मजदूरों, युवाओं के लिए कई कदम उठा रही है भूपेश सरकार, मंत्री अमरजीत भगत ने गिनाई दो साल की उपल​ब्धियां

कहने का मतलब यह है कि पत्थर से बने विशाल मंदिर का बोझ उठाने के लिए जिस मिट्टी की जरूरत है, वैसी मिट्टी मंदिर के आधार से नीचे नहीं मिल पा रही है। इसका पता तब चला, जब पाइलिंग टेस्ट के लिए मंदिर की नींव में लगाया गया पत्थर अपने स्थान से खिसक गया। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसका समाधान निकालने के लिए आईआईटी की टीम के अलावा कुछ और इंजिनियरिंग एक्सपर्ट्स की सहायता लेने की बात कही है। 

 ⁠

ये भी पढ़ें: 2022 तक दुनिया की एक चौथाई आबादी को नहीं मिल पाएगा …

मंदिर ट्रस्ट ने एक सब कमिटी भी बनाई है, जिसकी रिपोर्ट के बाद निर्माण की प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू किया जाएगा। इसके अलावा रिसर्च टीम की रिपोर्ट के आधार पर ही पूरे स्टैंडर्ड के अनुरूप नींव और मंदिर का निर्माण होगा..जिससे कि इसकी मजबूती बरकरार रहे। राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण कार्य की जो योजना बनी है, उसके तहत यहां कुल 1200 स्तंभ बनाए जाने हैं। इन पिलर्स को बनाने से पहले टेस्ट के लिए आईआईटी चेन्नै की टीम ने कुल 12 स्तंभ बनाए थे। स्तंभों पर जब लोड डाला गया तो ये जमीन से कुछ इंच खिसक गए। 

ये भी पढ़ें: बेहतर सुधार के चलते जीडीपी में संकुचन 7.4 प्रतिशत त…

इसी के बाद ये पुष्टि हुई कि जिस मिट्टी पर पिलर बनने हैं, वह बलुआ मिट्टी है। इस तथ्य की जानकारी के बाद अब आईआईटी की टीम इसका हल निकालने में जुटी हुई है। इसके अलावा ट्रस्ट के सदस्य भी अलग-अलग एक्सपर्ट्स से यह राय लेने में जुटे हैं कि मंदिर की नींव को मजबूत बनाए रखने के लिए निर्माण को किस तरह से शुरू कराया जाए।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com