Contract Employees Latest News: संविदा कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, अब सुप्रीम कोर्ट ने दिया नियमितीकरण का आदेश, दौड़ी खुशी की लहर |

Contract Employees Latest News: संविदा कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, अब सुप्रीम कोर्ट ने दिया नियमितीकरण का आदेश, दौड़ी खुशी की लहर

संविदा कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, अब सुप्रीम कोर्ट ने दिया नियमितीकरण का आदेश, Big gift to contract employees, now Supreme Court has given order for regularization

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Modified Date: March 20, 2025 / 03:17 PM IST
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Published Date: March 20, 2025 3:16 pm IST

नई दिल्ली: Contract Employees Latest News देश की सर्वोच्च अदालत ने राजस्थान सरकार को बड़ा झटका देते हुए सर्व शिक्षा अभियान (SSA) के संविदा कर्मचारियों के समायोजन का रास्ता साफ कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राजस्थान सरकार और राजस्थान काउंसिल फॉर एलीमेंट्री एजुकेशन की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राजस्थान हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें SSA कर्मचारियों के नियमितीकरण का निर्देश दिया गया था। इस ऐतिहासिक फैसले से करीब 748 संविदा कर्मचारियों को रोजगार स्थिरता और समान अधिकार मिलने की उम्मीद जगी है।

क्या है पूरा मामला?

Contract Employees Latest News यह मामला तब शुरू हुआ जब राजस्थान हाई कोर्ट ने लोक जुम्बिश परिषद (LJP) के तहत काम कर चुके संविदा कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कर्मचारी शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे थे और उन्हें सर्व शिक्षा अभियान में समायोजित करने का पूरा हक है। इसके खिलाफ राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सरकार का तर्क था कि ये कर्मचारी प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए भर्ती हुए थे, इसलिए उन्हें सीधे समायोजन का अधिकार नहीं है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए सरकार की दलील को खारिज कर दिया।

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सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?

न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की, जबकि कर्मचारियों की ओर से जितिन चतुर्वेदी ने पक्ष रखा। कोर्ट ने विस्तृत सुनवाई के बाद फैसला सुनाया कि हाई कोर्ट का आदेश पूरी तरह जायज है। इस फैसले ने कर्मचारियों के लंबे समय से चले आ रहे नियमितीकरण के सपने को हकीकत में बदल दिया।

अब राजस्थान सरकार के पास ये है रास्ता

अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा के अनुसार, अब राज्य सरकार के पास दो रास्ते हैं- या तो वह इस फैसले को लागू कर कर्मचारियों को समायोजित करे, या फिर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करे। सरकार का मानना है कि इस फैसले से वित्तीय और प्रशासनिक बोझ बढ़ सकता है। हालांकि, कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ी जीत है, जो लंबे समय से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे।

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संविदा कर्मचारियों में जश्न

यह फैसला उन 748 कर्मचारियों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है, जो सालों से अपनी स्थिति को लेकर चिंतित थे। अब उनके सामने एक सुरक्षित भविष्य की राह खुल गई है। साथ ही, यह निर्णय सरकारी योजनाओं में काम करने वाले अन्य संविदा कर्मचारियों के लिए भी उम्मीद की किरण बन सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने संविदा कर्मचारियों को क्या राहत दी है?

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार की याचिका खारिज करते हुए, सर्व शिक्षा अभियान (SSA) के अंतर्गत संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का आदेश दिया है।

इस फैसले से कितने संविदा कर्मचारियों को फायदा होगा?

इस ऐतिहासिक फैसले से करीब 748 संविदा कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा।

क्या राजस्थान सरकार इस फैसले को चुनौती दे सकती है?

हां, राजस्थान सरकार के पास विकल्प है कि वह या तो आदेश लागू करे, या फिर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करे।

संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण क्यों जरूरी माना गया?

कोर्ट ने माना कि ये कर्मचारी शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, इसलिए उनका समायोजन जरूरी है।

क्या इस फैसले का असर दूसरे राज्यों के संविदा कर्मचारियों पर पड़ेगा?

सीधे नहीं, लेकिन यह निर्णय अन्य राज्यों के संविदा कर्मचारियों के लिए मिसाल बन सकता है।
 
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