पोस्टग्रेजुएट डॉक्टरों के प्रैक्टिस और लाइसेंस के नियमों में होगा बड़ा बदलाव, यहां की सरकार ने लिया फैसला

Big change in the license of postgraduate doctors पोस्टग्रेजुएट डॉक्टरों को प्रैक्टिस और लाइसेंस के प्रोसेस में बदलाव करने का फैसला लिया है|

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  • Publish Date - January 17, 2023 / 08:43 PM IST,
    Updated On - January 17, 2023 / 08:43 PM IST

Big change in the license of postgraduate doctors: कनाडा जाने के इच्छुक भारतीय डॉक्टरों के लिए एक अच्छी खबर है। कनाडा सरकार अपने देश में विदेशी डॉक्टरों के लिए आने की राह को आसान बनाने जा रही है जिससे सबसे अधिक फायदा भारतीय डाक्टरों को होगा। कनाडा सरकार ने विदेशी पोस्टग्रेजुएट डॉक्टरों को प्रैक्टिस और लाइसेंस देने के प्रोसेस में बदलाव करने का फैसला लिया है और इसके लिए प्लान भी तैयार हो चुका है। कनाडा में इस बदलाव का कारण डॉक्टर्स की कमी को बताया जा रहा है। साथ ही यहां मेडिकल सीटें भी कम ही हैं।

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जानें बदले गए नियम

कनाडा अपने नए नियम में विदेशी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को प्रैक्टिस करने के लिए अनुभव को घटाकर दो साल करेगा, जबकि अभी ये 7 साल है। यही नहीं, लाइसेंस देने की प्रक्रिया को भी घटाकर 3 महीने तक किए जाने का प्रस्ताव है जबकि अभी ये 5 साल है।

बता दें कि इस नए नियम से सबसे ज्यादा फायदा कनाडा में प्रैक्टिस के इच्छुक भारतीय डॉक्टरों को होगा। कनैडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडियन हेरिटेज के अनुसार, कनाडा नें अभी फिलहाल 8 हजार भारतीय डॉक्टर काम कर रहे हैं। इसे आसान भाषा में कहें तो हर 10 में से एक डॉक्टर इंडियन है। बता दें कि कनाडा में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है।

इन देशों में स्टूडेंट्स को प्रैक्टिस की जरूरत

Big change in the license of postgraduate doctors: जानकारी के मुताबिक, कनाडा से हर साल लगभग 3,500 से ज्यादा स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए आयरलैंड, ब्रिटेन, अमेरिका जैसे देश चले जाते हैं। अमेरिका को छोड़कर कनाडा से बाहर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को प्रैक्टिस के लिए 7 साल के अनुभव की जरूरत होती है जिस कारण ज्यादातर स्टूडेंट लौटते ही नहीं। वो अपनी प्रैक्टिस वहीं शुरू कर देते हैं।

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साथ ही बता दें कि कनाडा में आसानी से परमानेंट रेसिडेंसी नहीं मिलती है। इसके लिए भी कनाडा में 4 साल इंतजार करना होता है। विदेशी डॉक्टरों के आने से कनाडा में डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जा सकेगा। साथ ही लोगों को सही समय पर उचित इलाज भी मिलेगा।

 

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