बड़े बैंक घोटाले का हुआ खुलासा, ठगों ने 17 बैंकों को लगाया 34,615 करोड़ रुपये का चूना, CBI ने दर्ज किया मामला

34,615 crore bank scam exposed :  हमारे देश में कई बड़े बैंक घोटाले हुए है। कई घोटाले ऐसे हैं जिनमे CBI ने लोगों को गिरफ्तार करके घोटालों

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  • Publish Date - June 22, 2022 / 11:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:40 PM IST

नई दिल्‍ली : 34,615 crore bank scam exposed :  हमारे देश में कई बड़े बैंक घोटाले हुए है। कई घोटाले ऐसे हैं जिनमे CBI ने लोगों को गिरफ्तार करके घोटालों का खुलासा भी किया है। इसी बीच देश में एक और बड़े बैंक घोटाला सामने आया है। इस घोटाले में 17 बैंकों को करीब 34,615 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया है। इस बैंक धोखाधड़ी के आरोप में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के पूर्व चेयरमैन कपिल वधावन, डायरेक्टर धीरज वधावन और रियल्टी क्षेत्र की छह कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के समूह से 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

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आरोपियों के मुबंई स्थित 12 ठिकानों की तलाशी जारी

34,615 crore bank scam exposed : मिली जानकरी के मुताबिक, सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 11 फरवरी,2022 को मिली शिकायत के आधार पर कार्रवाई की। वधावन बंधु कथित भ्रष्टाचार के मामले में फिलहाल सीबीआई जांच के घेरे में हैं। मामला दर्ज होने के बाद सीबीआई के 50 से अधिक अधिकारियों की एक टीम आरोपियों के मुबंई स्थित 12 ठिकानों की तलाशी ले रही है।

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क्या है पूरा मामला जाने यहां

34,615 crore bank scam exposed :  बैंक ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने 2010 से 2018 के बीच विभिन्न व्यवस्थाओं के तहत बैंकों के समूह से 42,871 करोड़ रुपये ऋण के रूप में लिए थे। लेकिन मई, 2019 से ऋण चुकाने में चूक करना शुरू कर दिया। ऋण देने वाले बैंकों ने कंपनी के खातों को अलग-अलग समय पर एनपीए घोषित कर दिया। जनवरी, 2019 में जांच शुरू होने के बाद फरवरी, 2019 में ऋणदाताओं की समिति ने केपीएमजी को एक अप्रैल, 2015 से 31 दिसंबर, 2018 तक डीएचएफएल की विशेष समीक्षा ऑडिट करने के लिए नियुक्त किया।

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ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया ये सच

34,615 crore bank scam exposed :  ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया कि डीएचएफएल प्रवर्तकों के साथ समानता रखने वाली 66 संस्थाओं को 29,100.33 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इनमें से 29,849 करोड़ रुपये बकाया हैं। बैंक ने आरोप लगाया है कि बैंक से लिए गए पैसे को संस्थाओं और व्यक्तियों भूमि और संपत्तियों में निवेश किया है।

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