औरंगाबाद: Bibi Ka Maqbara History महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में 17वीं सदी के स्मारक बीबी का मकबरा को रोशन करने का काम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) इस साल के अंत तक पूरा कर लेगा। यह जानकारी एएसआई के एक अधिकारी ने रविवार को दी। औरंगाबाद के लोकप्रिय स्मारकों में से एक, मकबरे को देखने के लिए काफी संख्या में पर्यटक आते हैं।
Bibi Ka Maqbara History यह मकबरा आगरा के ताजमहल जैसा दिखता है और इसका निर्माण मुगल बादशाह औरंगजेब की पहली पत्नी दिलरास बानो बेगम के लिए खाम नदी के पास किया गया था। दिलरास बानो बेगम के निधन के बाद उन्हें ‘रबिया-उद-दुरानी’ की उपाधि दी गई थी।
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एएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘रबिया-उद-दुरानी को ‘दक्कन का ताज’ के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसे देखने से ताजमहल की अनुभूति होती है। नये साल में यह एक नये अंदाज में नजर आएगा।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘बीबी का मकबरा उन कुछ स्मारकों में से एक है जो हर दिन रात 10 बजे तक खुला रहता है। इसलिए, एएसआई ने इस संरचना को रात के समय और बेहतर तरीके से रोशन करने का फैसला किया है।’’