भागवत का बयान सिर्फ गुमराह करने के लिए, संघ के इशारे पर हो रहा है मंदिर-मस्जिद: कांग्रेस

भागवत का बयान सिर्फ गुमराह करने के लिए, संघ के इशारे पर हो रहा है मंदिर-मस्जिद: कांग्रेस

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  • Publish Date - December 23, 2024 / 06:57 PM IST,
    Updated On - December 23, 2024 / 06:57 PM IST

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत के एक हालिया बयान को लेकर सोमवार को आरोप लगाया कि उन्होंने सिर्फ समाज को गुमराह करने के लिए टिप्पणी की है क्योंकि कई स्थानों में मंदिर-मस्जिद का विवाद आरएसएस के इशारे पर ही रहा है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि भागवत को लगता है कि ऐसी बातों से आरएसएस के पाप धुल जाएंगे और उनकी छवि अच्छी हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है।

भागवत ने कई मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर पिछले सप्ताह चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोगों को ऐसा लग रहा है कि वे ऐसे मुद्दों को उठाकर ‘‘हिंदुओं के नेता’’ बन सकते हैं।

भागवत ने पुणे में सहजीवन व्याख्यानमाला में ‘भारत-विश्वगुरु’ विषय पर गत बृहस्पतिवार को व्याख्यान दिया था, जिसमें उन्होंने समावेशी समाज की वकालत की थी और कहा था कि दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि देश सद्भावना के साथ एक साथ रह सकता है।

रमेश ने सोमवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मोहन भागवत का बयान आरएसएस की खतरनाक कार्यप्रणाली को दर्शाता है, उनकी कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। आरएसएस का काम करने का तरीक़ा आजादी के वक्त जितना खतरनाक था, आज उससे भी ज़्यादा है। वे जो बोलते हैं, उसका उल्टा करते हैं।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘ यदि मोहन भागवत को लगता है कि मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर नेतागिरी करना गलत है तो उन्हें बताना चाहिए कि ऐसे नेताओं को उनका संघ संरक्षण क्यों देता है? क्या आरएसएस-भाजपा में मोहन भागवत की बात नहीं मानी जाती?’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर वह सच में अपने बयान को लेकर ईमानदार हैं तो सार्वजनिक रूप से घोषित करें कि भविष्य में संघ कभी भी ऐसे नेताओं का समर्थन नहीं करेगा जिनके कारण समाजिक भाईचारे को खतरा पहुंचता है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘लेकिन ये ऐसा नहीं कहेंगे क्योंकि मंदिर-मस्जिद संघ के इशारे पर ही हो रहा है। कई मामलों में ऐसे विभाजनकारी मुद्दे को भड़काकर दंगा करवाने वालों का संबंध आरएसएस से निकलता है। ये बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद या भाजपा से जुड़े होते हैं और संघ वकील दिलाने से लेकर मुकदमे तक में इनकी पूरी मदद करता है।’’

रमेश ने आरोप लगाया कि भागवत का बयान सिर्फ समाज को गुमराह करने के लिए है।

उनका कहना है, ‘‘भागवत को लगता है कि ऐसी बातों से आरएसएस के पाप धुल जाएंगे और उनकी छवि अच्छी हो जाएगी। लेकिन उनकी वास्तविकता देश के सामने है।’’

भाषा हक

हक माधव

माधव