नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) भारत की सांस्कृतिक विरासत को आधुनिक पद्धतियों के साथ एकीकृत करके युवाओं में शोध संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शोधार्थियों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 15 नवंबर से आयोजित किया जाएगा। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा एसजीटी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम में आयोजित “विजन फॉर विकसित भारत-(विविभा) 2024” सम्मेलन का उद्घाटन संघ प्रमुख मोहन भागवत करेंगे।
भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सच्चिदानंद जोशी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “विविभा 2024 के एक भाग के रूप में, भारतीय शिक्षा मंडल के कार्यकर्ता दस लाख से अधिक छात्रों और शोधकर्ताओं, एक लाख से अधिक शिक्षकों और 10,000 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों तक पहुंचे।”
उन्होंने कहा, “प्रस्तुत शोध पत्रों का मूल्यांकन देश भर के विषय विशेषज्ञों के पैनल द्वारा किया गया तथा चयनित शोधकर्ताओं को सम्मेलन में अपना कार्य प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा।”
विविभा के एक भाग के रूप में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हुए एक प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है, जिसका विषय “अनुसंधान से बोध” और भारतीय ज्ञान प्रणाली होगा।
भाषा प्रशांत माधव
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