श्रीनगर, एक नवंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लंबे समय तक उनके मित्र रहे और पूर्व सहयोगी देवेंद्र सिंह राणा के निधन पर शोक जताया।
राणा की मौत की खबर के बाद अब्दुल्ला ने इस कठिन समय में राणा के परिवार के साथ खड़े होने के लिए शुक्रवार को जम्मू की यात्रा की।
जम्मू जाने से पहले, अब्दुल्ला ने अपने व्यक्तिगत ‘एक्स’ अकाउंट पर राणा की हार्दिक यादें साझा करते हुए कहा, ‘‘कल देर रात की भयानक खबर पर वास्तव में विश्वास नहीं हो रहा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि पिछले कुछ वर्षों से हमारे बीच मतभेद रहे हैं, देवेंद्र, लेकिन मैं उन अच्छे पलों पर ध्यान केंद्रित करना पसंद करता हूं जो हमने एक साथ साझा किए, जो उत्कृष्ट काम हमने एक साथ किया, और यादें।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘आपको बहुत जल्द हमसे छीन लिया गया और आपकी याद आएगी। अब आपकी आत्मा को शांति मिले। मेरी संवेदनाएं आपके परिवार के साथ हैं, लेकिन मैं उनके प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करने के लिए शब्द ढूंढ़ने के लिए संघर्ष कर रहा हूं।’’
पोस्ट के साथ साझा तस्वीरों में एक नदी के किनारे राणा और उनके वर्तमान राजनीतिक सलाहकार नासिर वानी के साथ अब्दुल्ला के मुस्कुराते हुए दिखाई दे रहे हैं।
राणा के निधन पर अब्दुल्ला ने अपने सभी निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिए और दुख की घड़ी में राणा की पत्नी, उनके दो बेटियों और बेटे के साथ खड़े रहने का निर्णय लिया।
वर्ष 2021 में अलग होने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने से पहले 59 वर्षीय राणा जम्मू क्षेत्र में नेशनल कॉन्फ्रेंस को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे।
दोनों नेता हाल में विधानसभा चुनावों के दौरान राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में शामिल हुए थे, जो राणा की निष्ठा बदलने के बाद उनकी पहली सीधी लड़ाई थी।
राणा ने 2002 के विधानसभा चुनावों में गांदरबल में अब्दुल्ला के चुनाव अभियान का प्रबंधन किया था।
उन चुनावों में हार का सामना करने के बावजूद राणा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ बने रहने के फैसले की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘अगर वह (उमर) जीत गए होते, तो वह खुशी से अपने व्यवसाय में वापस आ गए होते, लेकिन अब जब वह हार गए हैं, तो वह तब तक उनके साथ बने रहना पसंद करेंगे जब तक कि वह (उमर) जीत नहीं जाते।’’
नेशनल कॉन्फ्रेंस के भीतर राणा के उत्थान को 2008 के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार के रूप में उनकी नियुक्ति से चिह्नित किया गया था।
भाषा संतोष माधव
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