त्वरित अदालतों की संख्या के मामले में बंगाल तीसरे स्थान पर : तृणमूल नेता ओ’ ब्रायन

त्वरित अदालतों की संख्या के मामले में बंगाल तीसरे स्थान पर : तृणमूल नेता ओ' ब्रायन

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  • Publish Date - August 30, 2024 / 09:08 PM IST,
    Updated On - August 30, 2024 / 09:08 PM IST

नयी दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा) कोलकाता के एक अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर देशभर में आक्रोश के बीच तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने शुक्रवार को कहा कि देश में त्वरित अदालतों की संख्या के मामले में पश्चिम बंगाल तीसरे स्थान पर है।

तृणमूल कांग्रेस के नेता ओ’ब्रायन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में 27 जुलाई 2023 को राज्यसभा में दिए गए लिखित उत्तर का एक हिस्सा साझा किया जिसमें देश में त्वरित अदालतों की संख्या के बारे में जानकारी दी गई थी।

इस लिखित उत्तर में कहा गया था कि मई 2023 तक पश्चिम बंगाल में 88 त्वरित अदालतें थीं। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 372 त्वरित अदालतें जबकि महाराष्ट्र में मई 2023 तक 97 त्वरित अदालतें थीं और इस प्रकार त्वरित अदालतों की संख्या के लिहाज से महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर था।

राज्यसभा में तृणमूल के नेता ओ’ ब्रायन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टैग करते हुए एक पोस्ट में कहा, ‘‘चूंकि आपकी टीम के लोग बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिख रहे हैं, इसलिए सोचा कि संसद में त्वरित अदालतों पर दिया गया यह जवाब आपके लिए जानकारीपूर्ण साबित होगा।’’

दरअसल महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि राज्य ने बलात्कार और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के 48,600 मामले लंबित होने के बावजूद शेष 11 विशेष त्वरित अदालतें शुरू करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है।

मुख्यमंत्री बनर्जी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा कि पश्चिम बंगाल में 88 विशेष त्वरित अदालतें और 62 पॉक्सो अदालतें पहले से ही राज्य के वित्तपोषण पर काम कर रही हैं।

भाषा शोभना अविनाश

अविनाश