बंगाल : परिवार और शुभचिंतकों ने उरगेन तमांग को रूस से वापस लाने में राष्ट्रपति से मदद की गुहार लगाई

बंगाल : परिवार और शुभचिंतकों ने उरगेन तमांग को रूस से वापस लाने में राष्ट्रपति से मदद की गुहार लगाई

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  • Publish Date - July 18, 2024 / 05:58 PM IST,
    Updated On - July 18, 2024 / 05:58 PM IST

कोलकाता, 18 जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग जिला निवासी उरगेन तमांग के परिवार और शुभचिंतकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर उन्हें रूस से वापस लाने में हस्तक्षेप करने की अपील की है।

तमांग एजेंसी के जरिये नौकरी के लिए रूस गये थे और उन्हें कथित तौर पर जबरन रूसी सेना में शामिल कर लिया गया है और परिवार का उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है।

कलिम्पोंग नगरपालिका में प्रशासक मंडल के अध्यक्ष रबी प्रधान ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि उन्होंने एक बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को, दो बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एवं एक बार विदेश मंत्रालय को इस बारे में लिखा लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है।

प्रधान ने कहा, ‘‘ हमें उरगेन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है। आखिरी बार मेरी उनसे बात सोमवार शाम करीब सात बजे हुई थी और तब से उनका कोई अता-पता नहीं है। हम चिंतित हैं।’’

प्रधान ने बताया कि उसी शाम उरगेन ने अपनी पत्नी अम्बिका से भी बात की थी जो कलिम्पोंग में अपनी दो बेटियों के साथ रहती हैं। उन्होंने बताया, ‘‘ आखिरी बार उरगेन सोमवार शाम सात बजकर 17 मिनट पर ऑनलाइन थे।’’

उरगेन पूर्व सैनिक हैं और बेहतर नौकरी की तलाश में 18 जनवरी को रूस गए थे। उन्होंने कथित तौर पर रूस से की गई बातचीत में परिवार को सूचित किया था कि उन्हें रूसी सेना की 144 वीं ब्रिगेड की दूसरी बटालियन में तैनात किया गया है और यूक्रेन से जारी लड़ाई में लड़ने के लिए अग्रिम मोर्चे पर भेजा गया है।

प्रधान ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हाल ही में हुई बातचीत के बाद उरगेन के लिए चीजें सकारात्मक हो जाएंगी और उन्हें भारत भेज दिया जाएगा।

प्रधान ने कहा,‘‘फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं है। हमें किसी भी पत्र का जवाब नहीं मिला है। इसलिए, उनके शुभचिंतकों और उनके परिवार के सदस्यों के रूप में, हमने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने और उन्हें वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध करने निर्णय लिया है।’’

प्रधान ने बताया कि उरगेन ने विदेश मंत्रालय (एमईए) को कई बार पत्र लिखकर वापस लाने की गुहार लगाई थी। उन्होंने बताया कि जवाब में उन्हें कथित तौर पर एक ईमेल मिला जिसमें कहा गया ‘‘हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक कोई वास्तविक अपडेट नहीं मिला है।’’

भाषा धीरज नरेश

नरेश