अन्तिम छोर पर बैठे पशुपालकों को मिले पशुपालन के नवीनतम ज्ञान का लाभ : मिश्र

अन्तिम छोर पर बैठे पशुपालकों को मिले पशुपालन के नवीनतम ज्ञान का लाभ : मिश्र

अन्तिम छोर पर बैठे पशुपालकों को मिले पशुपालन के नवीनतम ज्ञान का लाभ : मिश्र
Modified Date: November 29, 2022 / 07:57 pm IST
Published Date: February 25, 2021 12:53 pm IST

जयपुर, 25 फरवरी (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि मवेशियों से गुणवत्तापूर्ण उत्पाद प्राप्त करने के लिए उन्हें अच्छा पोषण देने और पशुधन संरक्षण के लिए समाज में जागरुकता लाने की आवश्यकता है।

मिश्र बृहस्पतिवार को राजस्थान पशु चिकित्सा व पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि पशुपालन के उन्नत तरीकों, उन्नत पोषाहार की नवीनतम तकनीकों, पशु चिकित्सा से संबंधित आधुनिक ज्ञान-विज्ञान, पशुधन संरक्षण और चिकित्सा से जुड़े नये आयामों की सार्थकता तभी है जब इनका लाभ राज्य के अन्तिम छोर पर बैठे पशुपालकों को मिल सके।

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उन्होंने कहा कि पशु विज्ञान केन्द्रों को गांव-ढाणी तक किसानों और पशुपालकों को पशुपालन से जुड़ी नवीनतम जानकारी उनकी अपनी भाषा और समझ के अनुरूप उन तक पहुंचाने की पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे पशुपालकों की समस्याओं के स्थानीय स्तर पर समाधान और अनुसंधान की नई दृष्टि विकसित होगी।

मिश्र ने स्वदेशी गौवंश के नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन, जैविक पशु उत्पाद व प्रमाणीकरण, पेटेन्ट हासिल करने की दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक प्रो. त्रिलोचल महापात्र ने कहा कि राजस्थान में कृषि के साथ बागवानी, पशुपालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन को अपनाकर समेकित कृषि पद्धति को बढ़ावा देना चाहिए ताकि किसानों और पशुपालकों की आय दुगनी करने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।

उन्होंने प्रदेश में स्थानीय नस्ल की गाय, बकरी, भेड़ों के अभिसंकरण द्वारा अधिक लाभकारी नस्लें तैयार करने पर जोर दिया।

भाषा कुंज पृथ्वी

अर्पणा

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