‘भीख मांगिए या चोरी कीजिए, लेकिन अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कराइए’, हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को लताड़ा

'भीख मांगिए या चोरी कीजिए, लेकिन अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कराइए', हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को लताड़ा

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  • Publish Date - April 22, 2021 / 03:46 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने अस्पतालों में ऑक्सीजन के कारण गंभीर होती स्थिति पर सख्त रुख अख्तियार कर लिया। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से यहां तक कहा कि भीख मांगिये, उधार लीजिये या चोरी कीजिये लेकिन अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कीजिये। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को तत्काल प्रभाव से औद्योगिक इकाइयों को दी जाने वाली ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति बंद करने का आदेश दिया। न्यायालय ने कहा कि आखिर केंद्र सरकार सच्चाई और स्थिति की गंभीरता को स्वीकार क्यों नहीं कर रही है।

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पीठ ने सरकार को हर हाल में अस्पतालों में आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा है। पीठ ने मैक्स हॉस्पिटल प्रबंधन की ओर से दाखिल अर्जी पर देर शाम आपात सुनवाई करते हुए टिप्पणी की। हॉस्पिटल प्रबंधन ने कहा कि उनके अस्पतालों में सैकड़ों कोरोना मरीज हैं और ऑक्सीजन की भारी संकट है। कहा कि समय रहते ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हुई तो सैकड़ों मरीजों की जान बचाना मुश्किल हो जाएगा।

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उच्च न्यायालय ने सभी उद्योगों से कहा है कि वह अपने इस्तेमाल के लिए उत्पादित ऑक्सीजन इस संकट के समय में केंद्र सरकार को दे और सरकार इसे जरूरत के हिसाब से सभी राज्यों के हास्पिटल को इसकी आपूर्ति करे। जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की पीठ ने केंद्र सरकार को उद्योगों से ऑक्सीजन लेकर अस्पतालों तक पहुंचाने के तरीकों और साधनों पर विचार करने को कहा है। जरूरत पड़ने पर इसके परिवहन के लिए समर्पित कॉरिडोर या विशेष विमान का सहारा लेने को कहा है।

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सिर्फ मेडिकल से जुड़े उद्योगों को मिले गैस
उच्च न्यायालय ने सरकार से कहा कि उद्योगों को पूरी तरह से आक्सीजन की आपूर्ती बंद कर दिया जाए। साथ कहा है कि सिर्फ उन उद्योगों को आक्सीजन दिया जाए जो मेडिकल उपयोग दवा या उपकरण बनाने के काम में लगे हो।

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न्यायालय ने कहा है कि ‘हम अचंभित और निराश हैं कि अस्पतालों को ऑक्सीजन का कमी का सामना करना पड़ रहा है और स्टील प्लांट आसानी से चल रहा है। पीठ ने सवालिया लहजे में केंद्र सरकार से कहा कि ऑक्सीजन की कमी से हजारों लोग मर रहे हैं और आपकी प्राथमिकता स्टील प्लांट का परिचालन जारी रखना है? उच्च न्यायालय ने कहा है कि हम ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। पीठ ने कहा है कि ‘हमें यह कहने में गुरेज नहीं है कि सरकार वास्तविक सच्चाई से अनजान है।

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न्यायालय ने कहा है कि स्टील और पेट्रोकेमिकल उद्योग ऑक्सीजन के सबसे बड़े खपत करने वाला है और सरकार अस्पतालों की जरूरतों और लोगों की जान बचाने के लिए वहां से आक्सीजन ले।उच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि टाटा अपने स्टील प्लांट के लिए पैदा होने वाली आक्सीजन चिकित्सा जरूरतों और लोगों की जान बचाने के लिए दे सकते हैं तो अन्य उद्योग ऐसा क्यों नहीं कर सकते। न्यायालय ने उद्योगों के लिए तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह लालच की पराकाष्ठा है।

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उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा कि हमारी चिंता सिर्फ दिल्ली में आक्सीजन की आपूर्ति को लेकर नहीं है। पीठ ने कहा कि हमारी चिंता पूरे देश को लेकर है। न्यायालय ने केंद्र सरकार से यह बताने के लिए कहा है कि आपने पूरे देश में आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए हैं। उच्च न्यायालय में मैक्स हॉस्पिटल प्रबंधन ने कहा कि आक्सीजन का जो टैंकर उसके अस्पताल में आ रहा था, उसे एम्स में भेज दिया गया। याचिका में कहा कि इससे उनके सैकड़ों कोरोना संक्रमित मरीजों की जान खतरे में पड़ गई। पीठ ने सरकर को निर्देश दिया है कि मैक्स हास्पिटल के सभी हॉस्पिटलों में आक्सीजन की आपूर्ति बहाल करे।