छत्रपति संभाजीनगर, चार जनवरी (भाषा) बीड में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले की गहन जांच की मांग को लेकर शनिवार को महाराष्ट्र के परभणी शहर में एक सर्वदलीय मार्च निकाला गया।
नूतन कॉलेज मैदान से शुरू हुआ यह मार्च शिवाजी महाराज की प्रतिमा के निकट तक किया जाएगा।
बीड जिले में केज तहसील स्थित मसाजोग गांव के सरपंच देशमुख को अगवा कर लिया गया था और नौ दिसंबर को उनकी हत्या कर दी गई थी।
पुलिस ने अब तक, हत्या के मामले में शामिल सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
देशमुख की हत्या से जुड़े जबरन वसूली मामले में उनके करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष ने महाराष्ट्र के मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग की है।
विपक्षी दल शिवसेना (उबाठा) और सत्तारूढ़ राकांपा के जन प्रतिनिधि, मराठा आरक्षण नेता मनोज जरांगे और संतोष देशमुख के परिवार के सदस्य मार्च में शामिल हुए।
मार्च में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए जरांगे ने कहा, ‘‘लोगों को देशमुख परिवार के साथ तब तक मजबूती से खड़ा रहना चाहिए, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता। जबरन वसूली और हत्या, दोनों मामलों में आरोपी एक ही हैं और मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए। जिन लोगों ने आरोपियों की मदद की है, उन्हें भी पकड़ा जाना चाहिए।’’
राकांपा (एसपी) के विधायक संदीप क्षीरसागर ने कहा कि विपक्ष की केवल तीन मांगें हैं – मामले की सुनवाई त्वरित अदालत में हो, मुकदमा जारी रहने तक मुंडे को मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और दोषियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए।
शिवसेना (उबाठा) सांसद संजय जाधव ने कहा कि आरोपपत्र को मजबूत बनाया जाना चाहिए ताकि आरोपी रिहा न हो सकें।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को इस मामले को हल्के में नहीं लेना चाहिए। किसी राजनीतिक दबाव के कारण आरोपपत्र में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। पैसे के लालच में इंसानियत खो चुके लोगों को सबक सिखाया जाना चाहिए। इसलिए आरोपपत्र मजबूत होना चाहिए।’’
जाधव ने मुंडे से नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की भी मांग की।
भाजपा विधायक सुरेश धस ने आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण (मकोका) कानून के तहत कठोर कार्रवाई की मांग की।
भाषा
देवेंद्र सुभाष
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