BCCI accused of promoting a caste: नई दिल्ली। क्या भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI जाति देखकर टीम इंडिया में खिलाड़ियों का सिलेक्शन करता है? अगले महीने बांग्लादेश दौरे को लेकर चुनी गई टीम को लेकर इस तरह के आरोप बोर्ड पर लगने लगे हैं।
शानदार फॉर्म में चल रहे सूर्यकुमार यादव और प्रतिभाशाली विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन को बांग्लादेश में होने वाली वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम में नहीं चुना गया है। तब से सोशल मीडिया पर कास्टिस्ट BCCI यानी जातिवादी BCCI ट्रेंड कर रहा है।
जातिवादी BCCI हैशटैग से जितने पोस्ट लिखे गए उनमें से कई में बोर्ड पर एक जाति (ब्राह्मण) को ज्यादा तरजीह देने के आरोप भी लगे हैं। वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने अपने पोस्ट में लिखा कि भारत के 11 खिलाड़ियों में 7 ब्राह्मण होते हैं। मौजूदा समय में टीम के कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ भी ब्राह्मण हैं।
7 of the 11 men are indeed Brahmins! #Casteist_BCCI https://t.co/rR0987zrYk
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) November 24, 2022
BCCI accused of promoting a caste: बांग्लादेश दौरे के लिए टीम इंडिया से सूर्या और सैमसन को बाहर रखे जाने की खबर आते ही ट्विटर पर फैंस ने BCCI को निशाना बनाना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में #CastistBCCI ट्रेंडिंग हैशटैग बन गया और समाचार लिखे जाने तक करीब 40 हजार लोग इस हैशटैग पर पोस्ट लिख चुके थे।
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BCCI accused of promoting a caste: ज्यादातर पोस्ट में ऋषभ पंत को लगातार फेल होने के बावजूद टीम इंडिया में मौका दिए जाने का विरोध हो रहा है। पंत व्हाइट बॉल क्रिकेट में अब तक उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। उन्होंने अब तक 27 वनडे मैचों में 36.52 की औसत से 840 रन बनाए हैं। टी-20 इंटरनेशनल में उनका प्रदर्शन और भी कमजोर है। इस फॉर्मेट में उन्होंने 66 मैचों में 22 की औसत से 987 रन बनाए हैं।
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