(तस्वीर सहित)
नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के एक ‘‘कथन’’ का हवाला देते हुए भारतीय जनता पार्टी तथा सरकार पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि जिस तरह एकलव्य का अंगूठा कटा था, उसी तरह से आज देश के युवाओं का अंगूठा काटा जा रहा है एवं आज देश में ‘‘संविधान बनाम मनुस्मृति’’ की लड़ाई है।
राहुल गांधी ने लोकसभा में ‘संविधान की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए यह दावा भी किया कि सावरकर ने कहा था कि संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है और उन्होंने संविधान के मुकाबले मनुस्मृति को महत्व दिया था।
उन्होंने सत्तापक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज जब भाजपा के लोग संविधान की रक्षा की बात करते हैं तो वो अपने ‘सुप्रीम लीडर’ सावरकर का अपमान करते हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि विपक्षी दल सत्ता में आने पर जातिगत जनगणना करवाएंगे और आरक्षण की 50 प्रतिशत की ‘‘दीवार’’ को भी तोड़ेंगे।
राहुल गांधी ने गुरु द्रोणाचार्य और एकलव्य की गाथा का उल्लेख करते हुए कहा कि जैसे एकलव्य का अंगूठा कटा था, उसी तरह सरकार पूरे देश के युवाओं का अंगूठा काट रही है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जैसे एकलव्य ने तपस्या की थी, वैसे ही हिंदुस्तान के युवा सुबह उठकर अलग-अलग परीक्षा की तैयारी करते हैं। लेकिन जब आपने ‘अग्निवीर’ लागू किया, तब आपने उन युवाओं का अंगूठा काटा।’’
राहुल गांधी ने कहा कि जब पेपर लीक होता है, तब हिंदुस्तान के युवाओं का अंगूठा काटा जाता है।
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘आपने दिल्ली के बाहर किसानों पर आंसू गैस चलाई (का प्रयोग किया) है, लाठियां चलाई हैं। किसान आपसे एमएसपी की मांग करते हैं, लेकिन आप दो उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाते हैं और इस तरह से किसानों का अंगूठा काटने का काम करते हैं।’’
उद्योगपति गौतम अदाणी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब आप एक उद्योगपति को धारावी परियोजना देते हैं, बंदरगाह और हवाई अड्डे देते हैं तो आप हिंदुस्तान का अंगूठा काटते हैं।’’
राहुल गांधी ने दावा किया कि सावरकर ने संविधान के बारे में कहा था कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है।
कांग्रेस नेता ने सत्तापक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘यह आपके ‘सुप्रीम लीडर’ ने कहा था, जिनकी आप पूजा करते हैं। ऐसे में जब आप संविधान की रक्षा की बात करते हैं तो आप सावरकर को कमतर और अपमानित करते हैं।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘इंदिरा गांधी जी से मैंने सावरकर के बारे में पूछा था। उन्होंने मुझे बताया था कि सावरकर ने अंग्रेजों से समझौता कर लिया, सावरकर ने अंग्रेजों को चिट्ठी लिखकर माफी मांगी। इंदिरा जी ने यह भी कहा था कि गांधी जी जेल गए, नेहरू जी जेल गए, लेकिन सावरकर ने माफी मांग ली।’’
राहुल गांधी के इस दावे पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने विरोध जताया जिसके बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक देखने को मिली।
कांग्रेस नेता ने संभल की घटना का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘पांच लोगों की हत्या कर दी गई…. यह संविधान में कहां लिखा है? संविधान में कहां लिखा है कि एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़ाओ।’’
राहुल गांधी ने कहा कि संविधान में कहीं नहीं लिखा कि देश में एकाधिकार, पेपर लीक और अग्निवीर होने चाहिए।
उन्होंने सदन में सत्तापक्ष के सदस्यों की टोकाटोकी के बीच कहा, ‘‘संविधान में कहीं नहीं लिखा कि देश के युवाओं का अंगूठा काटना चाहिए, उनका हुनर उनसे छीन लेना चाहिए।’’
राहुल गांधी ने संविधान और वैचारिक लड़ाई का उल्लेख करते हुए एक हाथ में संविधान की प्रति और दूसरे हाथ में मनुस्मृति की प्रति उठाकर सदन में दिखाई।
उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि मनुस्मृति ‘‘आपकी किताब’’ है।
बाद में उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन संविधान के रक्षक हैं। भाजपा और आरएसएस मनुस्मृति के समर्थक हैं। देश संविधान से चलेगा, मनुस्मृति से नहीं।’’
उन्होंने उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित युवती से बलात्कार की घटना का लोकसभा में उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य में संविधान नहीं, मनुस्मृति लागू होती है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले मैं हाथरस गया। हाथरस में चार साल पहले एक लड़की से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। जिन्होंने सामूहिक दुष्कर्म किया, आज वे बाहर घूम रहे हैं, जबकि लड़की का परिवार अपने घर में बंद है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आखिर ये संविधान में कहां लिखा है कि जो बलात्कार करते हैं वे बाहर रहें। यूपी में संविधान नहीं लागू होता है, वहां पर मनुस्मृति लागू हो रही है।’’
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैं यह कहना चाहता हूं कि ‘इंडिया’ गठबंधन में संविधान को मानने वाले लोग हैं। अगर सरकार पीड़ित परिवार को दूसरी जगह बसाने का काम नहीं करेगी तो हम सब मिलकर यह करेंगे।’’
उनका कहना था, ‘‘ ‘इंडिया’ गठबंधन की जो विचारधारा है, वो देश में संविधान लेकर आई है और हम सब मिलकर संविधान की रक्षा करते हैं।’’
उन्होंने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के एक कथन का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘आज स्पष्ट है कि राजनीतिक समानता खत्म हो गई है। सामाजिक समानता नहीं रही और आर्थिक समानता भी नहीं रही। इसीलिए हमारा अगला कदम जातिगत जनगणना होगा।’’
राहुल गांधी के अनुसार, ‘‘हम देश को दिखाना चाहते हैं कि आपने किन लोगों का अंगूठा काटा? हम दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, किसानों, मजदूरों को दिखाना चाहते हैं कि सरकार ने किस-किस का अंगूठा काटा है?’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘हम अपने वादे के मुताबिक इस सदन से जातिगत जनगणना लागू करेंगे और उसके बाद हिंदुस्तान में एक नए तरीके का विकास होगा। एक नई तरीके की राजनीति होगी। हम 50 प्रतिशत आरक्षण की दीवार को भी तोड़ेंगे और जातिगत जनगणना कर के दिखाएंगे।’’
भाषा हक
हक माधव वैभव
वैभव