टीचर अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों के आधार पर 25​ जिलों में शिक्षिकाएं कर रही थी नौकरी, बैंक अकाउंट से हुआ मास्टरमांइड का खुलासा

टीचर अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों के आधार पर 25​ जिलों में शिक्षिकाएं कर रही थी नौकरी, बैंक अकाउंट से हुआ मास्टरमांइड का खुलासा

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  • Publish Date - June 9, 2020 / 12:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:23 PM IST

प्रयागराज। यूपी की बहुचर्चित टीचर अनामिका शुक्ला को लेकर रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं। अनामिका के शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर 25 जिलों में फर्जी शिक्षकों के नौकरी करने का मामला सामने आया है। शिक्षा विभाग की जांच में पता चला है कि अनामिका शुक्ला के शैक्षिक दस्तावेजों का इस्तेमाल करके कई महिला शिक्षक अलग-अलग स्कूलों में नौकरी करते पकड़ी गई है। अब प्रयागराज जिले के सोरांव के गोहरी में स्थित केजीबीवी में भी अनामिका शुक्ला के दस्तावेज लगाकर एक शिक्षिका की नौकरी करने का मामला सामने आया है।

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गौरतलब है कि अनामिका शुक्ला के डॉक्यूमेंट के आधार पर यूपी के कई जिलों में शिक्षिकाएं फर्जी तरीके से नौकरियां कर रहीं हैं, प्रयागराज में अनामिका शुक्ला के डॉक्यूमेंट पर फर्रुखाबाद की रीना नौकरी कर रही थी, उसके निवास प्रमाण पत्र से पूरा फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है, रीना के निवास प्रमाण पत्र पर राजपालपुर तहसील कायमगंज जिला फर्रुखाबाद दर्ज है और पिता का नाम चन्द्र भान सिंह लिखा है। रीना ने अनामिका शुक्ला के शैक्षिक डॉक्यूमेंट लगाकर फुल टाइम साइंस टीचर के रूप में गलत तरीके से कस्तूरबा विद्यालय में संविदा पर नियुक्ति हासिल की थी, अनामिका शुक्ला के डाक्यूमेंट से नौकरी करने वाली महिला का फोटो भी सामने आया है।

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बता दें कि अनामिका शुक्ला ने यूपी बोर्ड से 2007 में हाईस्कूल की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन में गोंडा जिले के गर्ल्स कॉलेज से उत्तीर्ण की थी, जबकि इंटर की परीक्षा 2009 में गोंडा जिले से यूपी बोर्ड से फर्स्ट डिवीजन में पास की थी, अनामिका ने ग्रेजुएशन 2012 में अवध यूनिवर्सिटी फैजाबाद से बीएससी प्रथम श्रेणी में पास किया था, जबकि 2013 में बीएड की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन अवध यूनिवर्सिटी से ही उत्तीर्ण की थी। अनामिका शुक्ला ने 2015 में टीईटी की परीक्षा पास की थी।

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प्रयागराज में 29 नवम्बर 2019 को अनामिका शुक्ला के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय गोहरी सोरांव में भी एक शिक्षिका ने नौकरी ज्वाइन की थी, लेकिन बाद में एक ही नाम से कई लोगों के नौकरी करने का यह मामला जब संज्ञान में आया तो यहां भी जांच में कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ा रही शिक्षिका के शैक्षिक प्रमाणपत्र और निवास प्रमाण पत्र फर्जी पाये गए। अनामिका शुक्ला के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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अनामिका शुक्ला नाम से खुले बैंक अकाउंट ही जांच होने से कई अन्य राज का पता पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को चला है। इस फर्जीवाड़े में पुलिस अब सैलरी खाते के गारंटरों का पता लगाने में जुटी है। बीएसए के मुताबिक एक गारंटर विभागीय अकाउंटेंट है। बैंक में केवाईसी से दूसरे गारंटर का पता चलेगा। पुलिस संबंधित अभिलेखों की जांच के लिए इलाहाबाद बैंक में भी जांच करेगी। अनामिका के नाम से नौकरी करने वाली कासगंज जिले की सुप्रिया सिंह के गांव में जांच के दौरान पुलिस उसकी बैंक पासबुक व आधार कार्ड लेकर आई है। जिसके आधार पर कासगंज में अनामिका के नाम से चलते बैंक खाते के गारंटरों के बारे में पता लगाया जा रहा है।

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शिक्षिकाओं को नौकरी लगवाने वाले मास्टरमाइंड मैनपुरी के राज की तलाश में पुलिस टीमें मैनपुरी में डेरा डाले हुए है। उधर कासगंज की जेल में बंद सुप्रिया सिंह के पिता ने मैनपुरी के किसी नीतू को 50 हजार देने की बात पुलिस से कही है। पुलिस अब नीतू को लेकर जांच में जुटी है। जनपद की सोरों कोतवाली पुलिस ने सुप्रिया से पूछताछ में फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड मैनपुरी के राज का मोबाइल नंबर हासिल किया था। जिसे सर्विलांस पर लिया गया। मोबाइल में लगी हुई आईडी से मैनपुरी के राज का पता ठिकाना तलाशा जा रहा है। उसकी गिरफ्तारी के लिए एसपी सुशील घुले ने एसओजी व सोरों पुलिस की टीम लगाई है। पुलिस टीमें उसकी लोकेशन के आधार पर मैनपुरी व उसके आसपास के इलाके में घेराबंदी करने में जुटी है।