बारामूला सांसद ने राजधानी स्थानांतरित करने की परंपरा बहाल करने की मांग की

बारामूला सांसद ने राजधानी स्थानांतरित करने की परंपरा बहाल करने की मांग की

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  • Publish Date - October 25, 2024 / 03:39 PM IST,
    Updated On - October 25, 2024 / 03:39 PM IST

श्रीनगर, 25 अक्टूबर (भाषा) बारामूला से सांसद शेख अब्दुल रशीद ने शुक्रवार को यहां प्रदर्शन कर जम्मू-कश्मीर में राजधानी स्थानांतरित करने की परंपरा बहाल करने की मांग की।

इस परंपरा के तहत, गर्मियों के मौसम में राजधानी श्रीनगर और सर्दियों में जम्मू-कश्मीर स्थानांतरित कर दी जाती है। इस प्रक्रिया को ‘दरबार मूव’ के तौर पर जाना जाता है।

अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के प्रमुख रशीद ने यहां सिविल सचिवालय – जम्मू कश्मीर सरकार का मुख्यालय- के पास अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ विरोध प्रदर्शन किया।

एआईपी प्रमुख को इंजीनियर रशीद के नाम से जाना जाता है।

रशीद ने कहा कि जम्मू कश्मीर में इस परंपरा का पालन हर साल किया जाता था, ‘‘लेकिन पिछले कुछ वर्षों से हमारी राजधानी न तो श्रीनगर है और न ही जम्मू।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज हम इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से (मुख्यमंत्री) उमर अब्दुल्ला को याद दिलाना चाहते हैं कि उन्होंने वादा किया था कि सरकार बनते ही राजधानी स्थानांतरित करने की परंपरा बहाल कर दी जाएगी।’’

लोकसभा सदस्य ने कहा कि हमारी एकमात्र मांग यह है कि लोगों को बताया जाए कि जम्मू कश्मीर की राजधानी कौन सा शहर है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लोगों को नहीं पता कि उन्हें श्रीनगर जाना है या जम्मू। लोगों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो रहा है, लोग नहीं जानते कि उनकी फाइल जम्मू में है या श्रीनगर में।’’

एआईपी प्रमुख ने कहा कि या तो दरबार बदलने की परंपरा को बहाल किया जाए या श्रीनगर को स्थायी राजधानी बनाया जाना चाहिए।

अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में दरबार मूव की प्रथा को बहाल करने का वादा किया था।

डोगरा शासक महाराजा रणबीर सिंह ने कश्मीर घाटी में कड़ाके की सर्दियां पड़ने और गर्मियों में जम्मू में अत्यधिक गर्मी से बचने के लिए 1870 के दशक में इस परंपरा की शुरूआत की थी।

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश