नई दिल्ली। सोमवार को लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने अहम जानकारी दी है। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सदन में कहा कि किसी भी बैंक के पास ग्राहकों से जबरन लोन वसूली करने के लिए बाउंसर भेजने का अधिकार नहीं है।
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राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के हवाले का जिक्र करते हुए कहाकि आरबीआई के स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं कि पुलिस को जानकारी देकर और कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ही वसूली के लिए अधिकृत एजेंट्स से तगादा लगवाया जा सकता है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘किसी के पास भी लोन को जबरदस्ती रिकवर करने के लिए कोई बाउंसर नियुक्त करने का कोई अधिकार नहीं है।’
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अनुराग ठाकुर ने कहा कि आरबीआई ने ऋणदाताओं के लिए निष्पक्ष व्यवहार कोड पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिन्हें बैंक हर हाल में अपनाए जाने की जरूरत है। उनके बोर्ड द्वारा इन्हें दो बार प्रमाणित किया गया है। राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘यह सर्कुलर ऋणदाताओं को लोन रिकवर करने के दौरान किसी तरह का शोषण करने से रोकता है, जैसे बेवक्त कर्जदारों को परेशान करना या लोन रिकवर करने के लिए ताकत का इस्तेमाल करना।’
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राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में जानकारी देते हुए विस्तार से इस पक्ष को रखा। उन्होंने कहा कि बाउंसर से जुड़ी कई शिकायतें मिल रही हैं। बैंकों के ये एजेंट्स उपभोक्ताओं के साथ बेहूदा तरीके से पेश आते हैं। इन शिकायतों को आरबीआई ने संज्ञान में लिया है। इस तरह के मामले में आरबीआई एक खास अवधि के लिए किसी क्षेत्र विशेष में रिकवरी एजेंट्स को नियुक्त करने पर आरबीआई बैंक को बैन करने के बारे में सोच सकता है।