Reported By: Star Jain
,अगरतला: Bamboo Industry in Tripura बांस त्रिपुरा के प्रमुख और महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से एक है। राज्य में सदाबहार प्रजातियों के जंगलों के पैच के साथ राज्य में बांस की कम से कम 18 प्रजातियाँ आम तौर पर पाई जाती हैं। राज्य के जंगलों में बांस वाले क्षेत्र का विस्तार 3,246 वर्ग किमी है। हस्तशिल्प कारीगरों को कौशल प्रदान करने के लिए 1974 में अगरतला में बांस और बेंत विकास संस्थान (बीसीडीआई) की स्थापना की गई थी। बम्बू मिशन के तहत आज राज्य में बम्बू इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रही है।
Bamboo Industry in Tripura संस्थान का उद्देश्य स्थानीय कारीगरों और समुदायों को सशक्त बनाते हुए क्षेत्र के समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करना है। संस्थान के प्रभारी अभिनव कांत ने बताया कि यह संस्थान न केवल त्रिपुरा राज्य में बल्कि सम्पूर्ण उत्तर पूर्वी राज्यों में रोजगार श्रृजन में महत्वपूर्ण निभा रहा है।
त्रिपुरा का बांस और बेंत विकास संस्थान (बीसीडीआई), अगरतला में तकनीक और इनोवेशन के जरिए आज बम्बू इंडस्ट्री नई ऊंचाइयों पर है । आज त्रिपुरा में बम्बू से 100 से ज्यादा उत्पाद बन रहे है । इसमें ऑफिस और घरेलू उत्पाद, महिलाओं की फैशनेबल ज्वैलरी , होने डेकोर जैसे समान है। यहां तक कि नए संसद भवन में वुडन फ्लोरिंग त्रिपुरा के बांस से ही हुई। BCDI के प्रभारी अभिनव कांत ने बताया कि चीन की आपत्तियों के बावजूद बीसीडीआई को वाटर बाटल निर्माण पेंटेंट प्राप्त हुआ है।