balasore train accident भुवनेश्वर। ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे ने कई परिवार उजाड़ दिए हैं, किसी पिता ने बेटे को तो कोई बेटा अपने पिता को खोज रहा है। किसी का भाई जख्मी है तो किसी की मां लापता है। जहां हादसा हुआ, वह अब एक खौफनाक सन्नाटा पसरा हुआ है। अपनों की तलाश है कि खत्म ही नहीं हो रही। दर्द की इंतहा ऐसी कि एक व्यक्ति ने अपने भतीजे के शव की शिनाख्त कर ली, लेकिन उस बॉडी पर 5 और लोग दावा कर रहे हैं कि वह उनका रिश्तेदार है। आलम ये है कि लोग अपने रिश्तेदारों की तलाश में DNA का सहारा ले रहे हैं। रेल हादसे में 288 लोगों की मौत हुई है, इसमें 206 शवों की पहचान हो चुकी है, जबकि 82 शवों की तलाश होना बाकी है।
मोहम्मद इनाम उल हक एक शख्स ने बताया कि मेरे भतीजों और मेरे भाई की ट्रेन हादसे में मौत हो गई थी, इसलिए हम उनके शव लेने आए हैं। हम पिछले चार दिनों से यहां घूम रहे हैं। मेरे भाई और दो भतीजे इस ट्रेन में यात्रा कर रहे थे, जिनकी मौत हो गई। हमें आज AIIMS में एक भतीजे की बॉडी तो मिल गई है, अब मैं अपने भाई और दूसरे भतीजे की तलाश कर रहा हूं। इनाम ने कहा कि मैंने उनकी तलाश में वह सब कुछ किया है जो मैं कर सकता था, मैं उन सभी अस्पतालों में गया, जहां अधिकारियों ने मुझे जाकर जांच करने के लिए कहा, मैंने उन्हें हर जगह ढूंढा लेकिन अभी तक कोई नहीं मिला। अब कहा जा रहा है कि DNA सैंपल देना होगा। वे कह रहे हैं कि जिसका भी डीएनए मैच होगा, हम उसी को बॉडी दे देंगे।
मोहम्मद इनाम उल हक के अनुसार मेरा एक भतीजा है जिसकी हमने पहचान तो कर ली है, लेकिन पांच और दावेदार हैं जो कह रहे हैं कि यह उनका रिश्तेदार है, इसलिए उसकी बॉडी का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। यहां जिम्मेदार लोग कह रहे हैं कि जिससे उसका डीएनए टेस्ट होगा उसी को बॉडी मिलेगी।
जब मोहम्मद इनाम उल हक से पूछा गया कि DNA टेस्ट कैसे होगा, इस पर उन्होंने कहा कि मैं दूसरे भतीजे के डीएनए सैंपल के साथ एक डीएनए परीक्षण करवा रहा हूंं, वे इस बच्चे के डीएनए के साथ मेरे भतीजे की बॉडी के डीएनए का मिलान करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पास यह पता लगाने के लिए डीएनए परीक्षण करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि यह किसकी बॉडी है। पूरी प्रक्रिया में लंबा समय लगता है।
ट्रेन नंबर 12481 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन के (शालीमार-मद्रास) मेन लाइन से गुजर रही थी, उसी वक्त डिरेल होकर वो अप लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, ट्रेन पूरी रफ्तार में थी, इसका परिणाम यह हुआ कि 21 कोच पटरी से उतर गए और 3 कोच डाउन लाइन पर चले गए, दरअसल, बहानगा बाजार स्टेशन पर इन ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है।
ऐसे में दोनों ही ट्रेनों की रफ्तार तेज थी, बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतरी तो ट्रेन के कुछ डिब्बे मालगाड़ी से जा भिड़े, इसी दौरान हादसे के समय डाउन लाइन से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गए, हादसा भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से करीब 171 किलोमीटर और खड़गपुर रेलवे स्टेशन से करीब 166 किलोमीटर दूर स्थित बालासोर जिले के बहानगा बाजार स्टेशन पर हुआ।