नौकरी के लिए पैसे देने के मामले की सुनवाई में देरी करा रहे हैं बालाजी: ईडी ने न्यायालय में कहा

नौकरी के लिए पैसे देने के मामले की सुनवाई में देरी करा रहे हैं बालाजी: ईडी ने न्यायालय में कहा

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  • Publish Date - December 14, 2024 / 06:13 PM IST,
    Updated On - December 14, 2024 / 06:13 PM IST

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी नौकरी के बदले पैसे देने के प्रकरण से संबंधित धनशोधन मामले में निचली अदालत की कार्यवाही में जानबूझकर देरी करने का प्रयास किया है।

इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने बालाजी को जमानत दी है।

एक पीड़ित की याचिका के जवाब में दाखिल हलफनामे में, ईडी ने बालाजी की जमानत रद्द करने का अनुरोध किया। 29 सितंबर को तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि ने बालाजी को फिर से मंत्री के रूप में शपथ दिलाई थी।

शुक्रवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि एजेंसी को इस मामले में एक हलफनामा दाखिल करने की जरूरत है क्योंकि बालाजी मुकदमे को प्रभावित कर रहे हैं।

पीठ ने ईडी को हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी और मामले को 18 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

शीर्ष अदालत ने धनधोशन मामले में 26 सितंबर को द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के वरिष्ठ नेता बालाजी को जमानत दे दी थी।

ईडी ने कहा कि जेल से रिहा होने के बाद सेंथिल ने डिजिटल रिकॉर्ड की प्रतियां मांगीं और मुकदमे के बीच में वकील बदलने का प्रयास किया, जिसकी वजह से मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों से जारी पूछताछ प्रभावित हुई है।

जांच एजेंसी ने कहा, ‘उपर्युक्त तथ्य न्यायिक प्रक्रिया के प्रति वी. सेंथिल बालाजी की घोर उपेक्षा और मुकदमे में देरी करने के उनके प्रयासों को प्रदर्शित करते हैं।”

भाषा जोहेब सुभाष

सुभाष