नई दिल्ली। देशभर में आज ईद-उल-अजहा यानी बकरीद का पर्व हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। दिल्ली स्थित जामा मस्जिद सहित देश के अनेक स्थानों में लोगों ने शनिवार सुबह ईद की नमाज अदा की। दिल्ली की जामा मस्जिद में सुबह 6 बजकर 5 मिनट पर नमाज अदा की गई।
कोरोना संकट के चलते मस्जिदों में नमाज अदा करने आए लोगों से मस्जिद प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर नमाज अदा करने की अपील की। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की प्रसिद्ध जामा मस्जिद में तैनात पुलिसकर्मियों ने थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद ही लोगों को मस्जिद में प्रवेश दिया।
ये भी पढ़ें- भरभराकर गिरी निर्माणधीन बिल्डिंग, दबकर दो लोगों की मौत, तीन गंभीर, मचा हड़कंप
बता दें कि मुस्लिम धर्मावलंबियों में ईद-उल-अजहा का विशेष महत्व है। इस्लामिक मान्यता के मुताबिक हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे हजरत इस्माइल को इसी दिन खुदा की राह में कुर्बान किया था। तब खुदा ने उनकी इस कुर्बानी और समर्पण को देखकर उनके बेटे को जीवनदान दिया था।
ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में आज 336 नए मरीजों की पुष्टि, तीन संक्रमितों की मौत, 309
इस्लामिक गणना के मुताबिक 12वें महीने की 10 तारीख को ईद-उल-अजहा का त्योहार मनाया जाता है। मीठी ईद के बाद यह मुस्लिमों का प्रमुख त्योहार है। यह फर्ज-ए-कुर्बानी का दिन है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार इस त्योहार पर विशेषकर गरीबों का विशेष ध्यान रखा जाता है। ईद-उल-अजहा के दिन कुर्बानी के बाद गोश्त के तीन हिस्से किए जाते हैं। इन तीन हिस्सों में एक हिस्सा खुद के लिए, एक हिस्सा अपने करीबियों को और एक हिस्सा गरीब और जरूरतमंदों को सप्रेम दिया जाता है।
ये भी पढ़ें- कांग्रेस के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज, बाजार व्यवस्थापन कार्य में बाधा
इस त्योहार पर ये पैगाम दिया जाता है कि अपने दिल की करीब चीज भी दूसरों की बेहतरी के लिए अल्लाह की राह में कुर्बान कर दी जाती है। इस त्योहार को हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। इसके बाद अल्लाह के हुक्म के साथ इंसानों की जगह जानवरों की कुर्बानी देने का सिलसिला शुरू किया गया।