दंगों के अरोपियों की जमानत याचिका पर अंतहीन सुनवाई नहीं हो सकती : अदालत ने पुलिस से कहा |

दंगों के अरोपियों की जमानत याचिका पर अंतहीन सुनवाई नहीं हो सकती : अदालत ने पुलिस से कहा

दंगों के अरोपियों की जमानत याचिका पर अंतहीन सुनवाई नहीं हो सकती : अदालत ने पुलिस से कहा

Edited By :  
Modified Date: January 21, 2025 / 09:17 PM IST
,
Published Date: January 21, 2025 9:17 pm IST

नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत फरवरी 2020 के दंगों के एक मामले में उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य की जमानत पर सुनवाई में दलीलों को “अंतहीन” नहीं सुन सकता।

न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति शालिन्दर कौर की पीठ ने कहा कि आरोपियों ने दावा किया है कि उनके खिलाफ कुछ भी नहीं है, इसलिए उन्होंने पुलिस से हिंसा के पीछे कथित साजिश में उनमें से प्रत्येक की विशिष्ट भूमिका बताने को कहा।

पीठ ने पुलिस के वकील से कहा, “इसे खत्म होना चाहिए। यह ऐसे नहीं चल सकता… इसे अब खत्म होना चाहिए। हम आपको अंतहीन समय नहीं दे सकते।”

विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने प्रत्येक आरोपी की भूमिका स्पष्ट करने के लिए एक नोट दाखिल करने के वास्ते समय मांगा।

उन्होंने कहा कि वर्तमान मामलों में साधारण जमानत याचिकाएं नहीं हैं, बल्कि राहत देने से इनकार करने वाली अधीनस्थ अदालत के आदेशों के खिलाफ अपीलें हैं और इसलिए इन पर पर्याप्त सुनवाई की आवश्यकता है।

प्रसाद ने कहा कि दो अदालतें पहले ही मान चुकी हैं कि मामले में साजिश रची गई थी।

पुलिस की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें दलीलें पेश करने के लिए कुछ समय दिया जाए।

न्यायमूर्ति चावला ने कहा, “आपको अब यह काम खत्म करना होगा। यह अंतहीन नहीं चल सकता।”

इस मामले में अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी।

भाषा प्रशांत माधव

माधव

Follow Us

Follow us on your favorite platform:

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers