नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) बुधवार को भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस टिप्पणी को लेकर उन पर हमलावर रही कि दिल्ली और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने ‘‘राजनीतिक हितों’’ के कारण आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू नहीं किया।
दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने केंद्र की स्वास्थ्य बीमा योजना को ‘‘विफल’’ पहल करार दिया।
मंगलवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था, ‘‘मैं दिल्ली और पश्चिम बंगाल में 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी बुजुर्गों से माफी मांगता हूं। मैं आपकी पीड़ा समझता हूं, लेकिन राज्य सरकारों के फैसलों के कारण मैं आपकी मदद नहीं कर सकता।’’
मोदी ने कहा था कि वह पश्चिम बंगाल और दिल्ली में बुजुर्गों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सेवा की स्थिति से निराश हैं। प्रधानमंत्री ने इसे वरिष्ठ नागरिकों की सेवा करने का अवसर गंवाना बताया था।
भारद्वाज ने बुधवार को प्रेसवार्ता के दौरान कहा, ‘‘आयुष्मान भारत योजना अपनी सीमित पात्रता शर्तों के कारण विफल हो गई है। जबकि, दिल्ली के अरविंद केजरीवाल मॉडल में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके पास रेफ्रिजरेटर, मोटरसाइकिल या कुछ भी है, आपको मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाती है।’’
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने भाजपा शासित राज्यों में इस योजना की व्यवहार्यता पर भी सवाल उठाया।
भारद्वाज ने कहा, ‘‘आप दिल्ली के जीबी पंत और जीटीबी जैसे सरकारी अस्पतालों में जाइए, जहां आपको उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा के बहुत से लोग वहां अपनी सर्जरी करवाते हुए मिलेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोग 300 किलोमीटर दूर से दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में आते हैं। मैं उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से पूछना चाहता हूं कि अगर आयुष्मान योजना इतनी सफल है, तो लोग अपने राज्यों में सर्जरी क्यों नहीं करवा रहे हैं।’’
मंत्री ने दावा किया कि दिल्ली सरकार जरूरतमंद लोगों के इलाज के लिए एम्स, सफदरजंग और आरएमएल जैसे केंद्रीय अस्पतालों को भी पैसा देती है।
वहीं, केजरीवाल ने प्रेसवार्ता में इस मुद्दे को लेकर आरोप लगाया कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के अनुसार आयुष्मान भारत योजना घोटालों से भरी हुई है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना को राष्ट्रीय राजधानी में लागू करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यहां उनकी पार्टी की सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त प्रदान की जाती हैं।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह मेरी राय नहीं है, यह कैग का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना में कई घोटाले हैं। इस योजना के तहत इलाज तभी होगा जब मरीज अस्पताल में भर्ती होगा, लेकिन दिल्ली में अस्पताल में भर्ती होने को लेकर कोई शर्त नहीं है।’’
दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं का उल्लेख करते हुए आप नेता ने आरोप लगाया, ‘‘पांच रुपये की दवा से लेकर एक करोड़ रुपये के ऑपरेशन तक सब कुछ मुफ्त है। अगर दिल्ली में दवा, जांच और इलाज सब मुफ्त है, तो यहां आयुष्मान भारत योजना की कोई जरूरत नहीं है। (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी को दिल्ली की योजना का अध्ययन करना चाहिए और इसे पूरे देश में लागू करना चाहिए।’’
आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने भी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना को एक ‘‘घोटाला’’ बताया और कहा कि प्रधानमंत्री को दिल्ली के स्वास्थ्य मॉडल का अध्ययन करना चाहिए।
कक्कड़ ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य आम आदमी पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। हमने स्वास्थ्य का ऐसा मॉडल पेश किया है कि कोफी अन्नान (संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव) तक ने हमारी प्रशंसा की है। प्रधानमंत्री मोदी ने आयुष्मान भारत के तहत एक घोटाला पेश किया है… कैग को इस घोटाले के बारे में बोलना होगा।’’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को अरविंद केजरीवाल के दिल्ली स्वास्थ्य मॉडल का अध्ययन करना चाहिए और इसे पूरे देश में लागू करना चाहिए।
प्रवक्ता ने दावा किया कि आयुष्मान भारत में शामिल किए गए 27,000 अस्पतालों में से 7,000 केवल कागजों पर मौजूद हैं और 4,000 अस्पतालों ने इस योजना के तहत किसी मरीज को भर्ती नहीं किया है।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बुधवार को कहा कि दिल्ली के पार्टी सांसदों ने शहर में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना लागू न करने के आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है।
इस संबंध में भारद्वाज ने कहा, ‘‘मैं उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय को राजनीतिक मामलों से दूर रखने का अनुरोध करता हूं। मैं उच्च न्यायालय से अनुरोध करूंगा कि वह खुद को राजनीतिक पैंतरेबाजी के लिए इस्तेमाल न होने दे।’’
भाषा शफीक वैभव
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