“इतिहास को विकृत करने की कोशिश” : ममता ने “सच्ची स्वतंत्रता” को लेकर भागवत की टिप्पणी की निंदा की

“इतिहास को विकृत करने की कोशिश” : ममता ने “सच्ची स्वतंत्रता” को लेकर भागवत की टिप्पणी की निंदा की

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  • Publish Date - January 16, 2025 / 04:02 PM IST,
    Updated On - January 16, 2025 / 04:02 PM IST

कोलकाता, 16 जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की इस टिप्पणी की बृहस्पतिवार को निंदा की कि सदियों तक परचक्र झेलने वाले भारत को “सच्ची स्वतंत्रता” अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन ही मिली थी।

ममता ने भागवत की टिप्पणी को इतिहास को विकृत करने की कोशिश करार दिया।

भागवत ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए, क्योंकि सदियों से परचक्र (दुश्मन का आक्रमण) झेलने वाले भारत की ‘सच्ची स्वतंत्रता’ इस दिन प्रतिष्ठित हुई थी।

ममता ने राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में संवाददाताओं से कहा, “यह राष्ट्र-विरोधी है। मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं। यह एक खतरनाक टिप्पणी है, इसे वापस लिया जाना चाहिए। यह इतिहास को विकृत करने का प्रयास है।”

उन्होंने कहा, “हम अपनी स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम भारत के लिए अपने प्राण न्योछावर करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम इसे बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं हैं।”

भाषा पारुल नरेश

नरेश