असम के वैज्ञानिक को गेंडों के संरक्षण के लिए ‘हैरी मेसेल’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया

असम के वैज्ञानिक को गेंडों के संरक्षण के लिए ‘हैरी मेसेल’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया

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  • Publish Date - October 25, 2024 / 07:22 PM IST,
    Updated On - October 25, 2024 / 07:22 PM IST

गुवाहाटी, 25 अक्टूबर (भाषा) असम के प्रख्यात संरक्षण वैज्ञानिक बिभब कुमार तालुकदार को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) के स्पीशीज सर्वाइवल कमीशन (एसएससी) ने शुक्रवार को ‘द हैरी मेसेल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया । एक बयान में यह जानकारी दी गई है।

बयान में कहा गया है कि यह पुरस्कार उन्हें अबू धाबी में जारी आईयूसीएन-एसएससी के नेताओं की पांचवीं बैठक के दौरान प्रदान किया गया, जहां लगभग 300 संरक्षण विशेषज्ञ जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तन के परस्पर जुड़े संकटों से निपटने के उपायों पर चर्चा के लिए एकत्र हुए हैं।

तालुकदार को पशुओं के संरक्षण में उनके महत्वपूर्ण योगदान विशेष रूप से एसएससी में उनके नेतृत्व और एक सींग वाले भारतीय गैंडों के संरक्षण के लिए सम्मानित किया गया।

तालुकदार 1991 से आईयूसीएन एसएससी से जुड़े हैं और 2008 में एशियाई गैंडा विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष बने थे, जो असमिया संरक्षणवादियों के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

वह पूर्वोत्तर भारत के अग्रणी जैव विविधता संरक्षण संगठन ‘आरण्यक’ के संस्थापक महासचिव और सीईओ भी हैं।

इसके अलावा उन्हें इंडोनेशियाई संरक्षण एजेंसियों ने गंभीर रूप से लुप्तप्राय जावन और सुमात्रा गैंडों के प्रबंधन में सहायता करने के लिए आमंत्रित किया है।

इसमें कहा गया है कि तालुकदार ने ‘इंडियन राइनो विजन 2020’ को लागू करने में असम सरकार की भी मदद की है। इस विजन के तहत 2008 और 2022 के बीच पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से 22 जंगली गैंडों को मानस राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित करना शामिल है।

भाषा जोहेब रंजन

रंजन