गुवाहाटी, 11 जनवरी (भाषा) असम के दीमा हसाओ जिले में एक कोयला खदान में फंसे तीन और खनिकों के शव शनिवार को बचाव अभियान के दौरान मलबे से बरामद हुए। एक अधिकारी ने बताया कि अब तक चार शव बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें से पहला शव बुधवार को निकाला गया था।
मृतक चार खनिक उन नौ खनिकों में शामिल थे, जो सोमवार को उमरंगसो स्थित खदान में अचानक पानी भर जाने के कारण फंस गए थे।
अधिकारी ने बताया, ‘बचाव अभियान आज फिर से शुरू किया गया और फंसे हुए खनिकों की तलाश के छठे दिन तीन शव बरामद किए गए। नेपाल के रहने वाले एक खनिक का शव आठ जनवरी को बरामद किया गया था।’
अधिकारी के मुताबिक, दिन में खदान से जिन तीन खनिकों के शव बरामद किए गए, उनमें से एक की पहचान 27 वर्षीय लिजेन मगर के रूप में हुई है, जो दीमा हसाओ स्थित कलामाटी के एक गांव का निवासी था।
उन्होंने बताया कि दो अन्य शवों की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं।
अधिकारी के अनुसार, सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के गोताखोर जब मगर को बाहर निकालने गए, तो उसका शव खदान में भरे हुए पानी में तैरता दिखाई दिया।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘कुछ समय पहले उमरंगसो खदान से एक और शव बरामद किया गया, जो अब तक की तीसरी बरामदगी है। शव की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि बचाव अभियान जारी है।
मुख्यमंत्री ने इससे पहले ‘एक्स’ पर लिखा था, ‘उमरंगसो में बचाव कार्य लगातार जारी है। दुखद बात यह है कि आज सुबह एक और शव बरामद किया गया…।’
उन्होंने कहा, ‘हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त लोगों के साथ हैं।’
अधिकारियों ने बताया कि तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और कोल इंडिया द्वारा लाई गई विशेष मशीनों से 340 फुट गहरी खदान से पानी निकालने का काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि यह खदान 12 वर्ष पहले बंद कर दी गई थी और तीन साल पहले तक यह असम खनिज विकास निगम के अधीन थी।
शर्मा ने शुक्रवार रात को कहा, ‘यह कोई अवैध खदान नहीं थी, बल्कि इसे बंद कर दिया गया था। उस दिन खनिक पहली बार कोयला निकालने के लिए खदान में उतरे थे।’
उन्होंने बताया कि खनिकों के मुखिया को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
बचाव अभियान पर शर्मा ने कहा कि बृहस्पतिवार से पानी निकालने का काम जारी है और अब तक सात मीटर पानी निकाला जा चुका है।
उन्होंने बताया, ‘‘चार गड्ढों में 26 मीटर तक पानी भर गया है। अगर गड्ढों से पानी निकाल दिया जाए, तो हम कुछ सकारात्मक नतीजे की उम्मीद कर सकते हैं।’
शर्मा ने कहा कि नागपुर से एक और मशीन मंगाई गई है और शनिवार सुबह से इसका संचालन शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि यदि यह ठीक तरह से काम करेगी, तो उम्मीद है कि शाम तक पानी निकाल लिया जाएगा।
इस घटना में दीमा हसाओ स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) देबोलाल गोरलोसा के परिवार के सदस्य की कथित संलिप्तता पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह मानवीय त्रासदी है और हमें इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।’’
भाषा योगेश पारुल
पारुल