असम: एसटी दर्जे की मांग को लेकर 12 घंटे के बंद से डिब्रूगढ़, तिनसुकिया में जनजीवन प्रभावित |

असम: एसटी दर्जे की मांग को लेकर 12 घंटे के बंद से डिब्रूगढ़, तिनसुकिया में जनजीवन प्रभावित

असम: एसटी दर्जे की मांग को लेकर 12 घंटे के बंद से डिब्रूगढ़, तिनसुकिया में जनजीवन प्रभावित

:   Modified Date:  November 11, 2024 / 12:10 PM IST, Published Date : November 11, 2024/12:10 pm IST

डिब्रूगढ़/तिनसुकिया (असम), 11 नवंबर (भाषा) असम के डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिलों में दो समुदायों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग को लेकर मोरान और मोटोक संगठनों द्वारा आहूत 12 घंटे के बंद से सोमवार को जनजीवन ठप हो गया और सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान, कार्यालय और अन्य संस्थान बंद रहे।

हजारों प्रदर्शनकारियों ने डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया शहरों में मुख्य सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की आवाजाही रोक दी, जबकि जिला प्रशासन ने समूचे जिलों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी।

ऑल मोरान स्टूडेंट्स यूनियन (एएमएसयू) और ऑल असम मोटर युवा छात्र संघ (एएएमवाईसीएस) द्वारा सुबह पांच बजे से आहूत 12 घंटे के बंद के मद्देनजर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। उन्होंने रविवार रात को जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेशों की अवहेलना की। इन आदेशों में जबरन बंद के आह्वान, सड़क जाम करने, धरना देने, टायर जलाने और ज्वलनशील पदार्थ ले जाने पर रोक लगाई गई थी।

एक अधिकारी ने बताया कि ऊपरी असम के दो जिलों में विभिन्न स्थानों पर बंद समर्थकों द्वारा सड़कों को अवरुद्ध कर टायर जलाए गए तथा पुलिस ने मकुम-तिनसुकिया बाईपास पर बंद समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं।

उन्होंने कहा, ‘‘अब तक हमने किसी को हिरासत में नहीं लिया है। हजारों की संख्या में लोग विभिन्न स्थानों पर सड़कों पर उतर आए हैं। हम राजमार्गों और स्थानीय सड़कों को खाली कराने का प्रयास कर रहे हैं।’’

सभी दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान, कार्यालय, बैंक और अन्य संस्थान बंद रहे, जबकि कुछ में उपस्थिति कम रही। हालांकि, बंद समर्थकों ने स्कूल बसों, परीक्षा देने जा रहे छात्रों को ले जाने वाले वाहनों और आपातकालीन सेवाओं को बंद के दायरे से बाहर रखा।

असम के मोरान, मोटोक, चुटिया, ताई-अहोम, कोच-राजबंशी और चाय-आदिवासी समुदाय कई वर्षों से अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई वरिष्ठ नेता और राज्य मंत्री नियमित रूप से इन समुदाय के लोगों को आरक्षण देने का आश्वासन देते रहे हैं।

एएमएसयू और एएएमवाईसीएस केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम की इस कथित टिप्पणी का विरोध कर रहे हैं कि सरकार ने छह समुदायों को एसटी का दर्जा देने के लिए कोई औपचारिक कदम नहीं उठाया है।

वैसे तो, 12 घंटे के बंद का आह्वान दोनों संगठनों ने किया था, लेकिन एसटी का दर्जा मांग रहे शेष चार समुदायों से संबंधित कई अन्य संगठनों ने भी प्रदर्शन कार्यक्रमों को समर्थन दिया है।

एएमएसयू के अध्यक्ष पुलेन्द्र मोरान ने कहा कि सरकार के उनकी मांगें पूरी करने तक आने वाले दिनों में आंदोलन तेज होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें भाजपा सरकार ने कई बार मूर्ख बनाया है। अब हम उनके किसी आश्वासन पर ध्यान नहीं देंगे। हम केवल ठोस कार्रवाई चाहते हैं।’’

भाषा सुरभि मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)