लवासा के सुझाव पर निर्वाचन आयोग की मुहर, रिपोर्ट में दर्ज किया जाएगा असहमति का मत, लेकिन नहीं होगा सार्वजनिक

लवासा के सुझाव पर निर्वाचन आयोग की मुहर, रिपोर्ट में दर्ज किया जाएगा असहमति का मत, लेकिन नहीं होगा सार्वजनिक

  •  
  • Publish Date - May 21, 2019 / 03:54 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:21 PM IST

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन को लेकर मिली शिकायत के निराकरण के लिए चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की मांग को स्वीकार कर लिया है। हालांकि आयोग ने उनकी एक मांग को अस्वीकार कर दिया है। दरसअल लवासा की मांग थी कि शिकायतों के निस्तारण में आयोग के सदस्यों के ‘असहमति’ के मत को फैसले का हिस्सा बनाया जाए और उसे सार्वजनिक किया जाए। इसके बाद आयोग ने मौजूद व्यवस्था को बरकरार रखने का फैसला लिया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि असहमति और अल्पमत के फैसले को आयोग के फैसले में शामिल कर सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। आयोग की पूर्ण बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा दोनों चुनाव आयुक्त भी बतौर सदस्य मौजूद होते है।

Read More: Facebook पर EVM को लेकर भ्रामक जानकारी पोस्ट करना युवक को पड़ा भारी, पहुंचा हवालात

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के सुझाव पर विचार के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने मंगलवार को आयोग के सदस्यों की बैठक बुलाई थी। बैठक के दौरान लवासा के सुझाव पर गहन मंथन किया गया। बैठक में फैसला लिया गया कि निर्वाचन नियमों के तहत इन मामलों में सहमति और असहमति के विचारों को निस्तारण प्रक्रिया की फाइलों में दर्ज किया जाएगा। यह फैसला दो एक के बहुमत से किया गया।

Read More: बीजेपी को मतगणना में गड़बड़ी की आशंका तो धनेंद्र साहू को ईवीएम में, जानिए पूरी बात

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी को आचार संहिता उल्लंघन के आरोप से बरी किए जाने के बाद चुनाव आयुक्त लावसा ने निर्वाचन आयोग के फैसले पर सवाल उठाए थे। लवासा का मानना था कि असहमति के मत को भी आयोग के फैसले में शामिल किया जाना चाहिए। लगभग 2 घंटे चली बैठक के बाद निर्वाचन आयोग ने जानकारी देते हुए बताया कि आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के निपटारे की प्रक्रिया के बारे में हुई बैठक में यह तय किया गया है कि इस तरह के मामलों में सभी सदस्यों के विचारों को निस्तारण प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जायेगा। सभी सदस्यों के मत के आधार पर उक्त शिकायत को लेकर कानून सम्मत औपचारिक निर्देश पारित किया जाएगा।