नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मथुरा में ‘गाय’ को लेकर विपक्ष के रवैये पर निशाना साधा तो कुछ घंटे के भीतर ही विपक्षी नेताओं के कान खड़े हो गए। हाल के समय में गाय को केंद्र में रखकर हुए विवादों और बहस पर मोदी ने कहा था कि ‘ॐ’ शब्द सुनते ही कुछ लोगों के कान खड़े हो जाते हैं जबकि कुछ लोगों के कान में ‘गाय’ शब्द सुनाई देता है तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं। इस पर विपक्षी दलों ने पलटवार किया है। सबसे पहले एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम को जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कान तब खड़े हो जाने चाहिए जब गाय के नाम पर इंसानों को मारा जा रहा है और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
प्रधानमंत्री @narendramodi के कान तब खड़े हो जाने चाहिए जब गाय के नाम पर इंसानों को मारा जा रहा हैं और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं| pic.twitter.com/v5f1J6F5xB
— AIMIM Official (@aimim_national) September 11, 2019
गाय हिंदू भाइयों के लिए पवित्र: ओवैसी
ओवैसी ने कहा कि गाय हिंदू भाइयों के लिए पवित्र है लेकिन संविधान में जीवन और समानता का अधिकार इंसानों को दिया गया है, मुझे उम्मीद है कि पीएम इसे समझेंगे। इसके बाद एक-एक कई विपक्षी नेताओं के बयान आए। कांग्रेस नेता हरीश रावत और लेफ्ट के नेता डी. राजा ने भी पीएम के बयान पर पलटवार किया।
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कांग्रेस बोली, अर्थ जगत के गंभीर मुद्दों पर चुप क्यों
उधर, कांग्रेस ने आर्थिक संकट को आगे रखते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा है। पार्टी ने कहा कि पीएम मोदी आर्थिक मुद्दों को छोड़कर गाय और ओम् की बात करते हैं लेकिन अर्थ जगत के गम्भीर मुद्दों पर उनका बयान नहीं जाता। कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि लगता है उन्होंने वित्त मंत्री को इससे निपटने के लिए छोड़ दिया है।
दरअसल, मथुरा में दुधारू पशुओं को रोगमुक्त करने के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत करने के बाद बुधवार को पीएम मोदी ने कहा, ‘कुछ लोगों के कान में ‘गाय’ शब्द पड़ता है तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं, उनको करंट लग जाता है। उनको लगता है कि देश 16वीं-17 वीं सदी में चला गया है। ऐसे लोगों ने ही देश को बर्बाद कर रखा है।’
ओवैसी बोले, देशवासियों के कानों में अजान की आवाज भी
पीएम मोदी का यह बयान आते ही विपक्षी नेताओं ने उनपर हमले शुरू कर दिए। हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने एक विडियो संदेश जारी कर कहा, ‘मैं पीएम को याद दिलाना चाहता हूं कि यकीनन वह जो कह रहे हैं वह भी सुनते हैं और हिंदुस्तानियों के कानों में अजान की आवाज भी आती है। हिंदुस्तानियों के कानों में गुरुद्वारों से भी आवाज सुनाई पड़ती है। हम गिरजाघर के घंटे भी सुनते हैं। यह हिंदुस्तान है। यह कहना कि सिर्फ एक ही आवाज सुनकर किसी के कान खड़े हो जाते हैं, ठीक नहीं।’
ओवैसी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के कान उस वक्त खड़े होने चाहिए जब गाय के नाम पर इंसानों को मारा जा रहा है, पीएम के कान उस वक्त खड़े होने चाहिए जब हमारे संविधान की धज्जियां उड़ाईं जा रही हैं और हम हमारे पीएम से उम्मीद करते हैं कि चाहे तबरेज, पहलू हो या अखलाक का केस तब पीएम का ऐंटेना खड़ा होना चाहिए कि मेरे देश में क्या हो रहा है।
डी. राजा ने कहा, यह सब कहने का क्या मतलब
इसी मुद्दे को लेकर लेफ्ट पार्टियों और कांग्रेस ने भी मोदी पर निशाना साधा। सीपीआई नेता डी राजा ने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि प्रधानमंत्री के यह सब कहने का क्या मतलब है। वह ॐ और गाय के नाम पर क्या संदेश देना चाहते हैं? दरअसल, ॐ और गाय के नाम पर बीजेपी लोकतंत्र को बर्बाद कर रही है। देश की एकता, अखंडता और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ा जा रहा है।’ डी राजा ने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री को इंसानों की बात करनी चाहिए। आर्थिक मंदी के कारण लोगों को हो रही समस्याओं की बात करनी चाहिए। इसकी बजाय वह ऊं और गाय के नाम पर सरकार की आलोचना करने वालों पर निशाना साध रहे हैं।’
‘अजेंडे के लिए गाय का भगवाकरण कर रहे मोदी’
एक चैनल से बातचीत में कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, ‘आरएसएस और बीजेपी के अस्तित्व से पहले भी ॐ था। राजनीतिक अजेंडे के लिए ॐ का भगवाकरण कर रहे हैं मोदी। मोदी को बताना चाहिए कि पशुओं की भलाई के लिए उनकी सरकार ने क्या किया? सड़कों पर गायों की मौत हो रही है।’
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