अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ने कारगिल युद्ध पर लिखी एक पुस्तक का किया विमोचन

अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ने कारगिल युद्ध पर लिखी एक पुस्तक का किया विमोचन

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  • Publish Date - July 4, 2024 / 06:54 PM IST,
    Updated On - July 4, 2024 / 06:54 PM IST

ईटानगर, चार जुलाई (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) के टी परनाइक ने बुधवार को वीर चक्र विजेता दिवंगत कर्नल एम बी रवींद्रनाथ द्वारा कारगिल युद्ध पर लिखी गई एक पुस्तक का विमोचन किया।

राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि परनाइक ने बेंगलुरू स्थित ‘राजेंद्र सिंहजी आर्मी आफिसर्स इंस्टीट्यूट’ के करियप्पा हॉल में ‘कारगिल युद्ध: द टर्निंग प्वाइंट’ नामक पुस्तक का विमोचन किया।

राजपूताना राइफल्स की द्वितीय बटालियन के कमांडिंग आफिसर रहे रवींद्रनाथ ने इस पुस्तक में 1999 में आपरेशन विजय के दौरान मई से जुलाई तक अपनी बटालियन के आपरेशन की विस्तार से जानकारी दी।

इस बटालियन ने 12-13 जून, 1999 को द्रास सेक्टर में ‘टोलोलिंग’ पहाड़ी पर कब्जा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह भारतीय सेना की पहली सफलता थी जो युद्ध में निर्णायक मोड़ साबित हुई।

बयान में कहा गया कि इस विमोचन कार्यक्रम में 1990-93 में राजपूताना राइफल्स की दूसरी बटालियन की कमान संभाल चुके परनाइक ने भारतीय सेना की वीरता और पराक्रम का गहन वर्णन करने के लिए दिवंगत कर्नल एम बी रवींद्रनाथ की सराहना की।

उन्होंने कर्नल रवींद्रनाथ के मरणोपरांत इस पुस्तक का प्रकाशन करवाने में उनकी पत्नी अनीता रवींद्रनाथ और राजपूताना राइफल्स के अधिकारियों के योगदान को भी सराहा।

इस पुस्तक को प्रेरणादायी बताते हुए परनायक ने कहा कि यह सशस्त्र बलों में शामिल होने के इच्छुक लोगों तक अवश्य पहुंचना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि यह पुस्तक हर स्कूल और कॉलेज के पुस्तकालय में होनी चाहिए।

बारह अध्यायों वाली यह पुस्तक ‘द गैदरिंग स्टॉर्म’ यानी मई, 1999 के प्रारंभ में घुसपैठ का पता चलाने, यूनिट को किगाम से द्रास ले जाने, सैनिकों की तैयारी एवं प्रशिक्षण, योजना बनाने , 13 जून को टोलोलिंग तथा 28 जून 1999 को थ्री पिंपल्स परिसर पर हमले तक व्यापक विवरण प्रदान करती है।

भाषा

यासिर राजकुमार

राजकुमार