मेरठ: उत्तर प्रदेश में भाजपा ने शर्मनाक प्रदर्शन किया हैं। पिछली बार जिस भगवा दल ने देश के सबसे बड़े सूबे में 62 सीटें हासिल की थी वह इस बार महज 33 सीटों पर सिमट कर रह गई। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो इस बार यूपी में सोशल इंजीनियरिंग का बोलबाला रहा हैं और भाजपा ने इसी फेर में ज्यादातर सीटें गँवा दी। भाजपा न सिर्फ ज्यादातर सीटें हारी हैं बल्कि जो सीट जीती हैं उनमें में अन्तर बेहद मामूली हैं। कभी तीन और चार लाख के अंतर से चुनाव जीतने वाले खुद पीएम मोदी इस बार सिर्फ डेढ़ लाख के अंतर से वाराणसी जीत पाए हैं। अमेठी से स्मृति ईरानी समेत कई दिग्गज इस बार अपनी सीटें नहीं बचा पाए।
वही बात करें अगर टीवी के भगवान राम यानी मेरठ से उम्मीदवार अरूण गोविल की तो सपा ने उनकी भी तगड़ी घेराबंदी की थी। दूसरी सीटों की तरह भाजपा के लिए यह सीट निकाल पाना भी काफी मुश्किल भरा रहा। अरुण गोविल जिसके लिए बड़े जीत की भविष्यवाणी की जा रही थी वह महज साढ़े दस हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल कर पाएं। यहाँ के सपा उम्मीदवार सुनीता वर्मा को करीब 5 लाख 36 हजार मत हासिल हुए तो वही गोविल को पांच लाख 45 हजार वोट प्राप्त किये। तीसरे नंबर पर यहाँ बसपा के उम्मीदवार देवव्रत कुमार त्यागी रहे जिन्हे 87 हजार वोट मिला।
चुनाव परिणामों के बाद अरुण गोविल ने मीडिया से बात की हैं। उन्होंने कहा कि, ‘अगर मुझे मेरठ में कार्य करना है तो मुझे मेरठ में ही रहना होगा। अगर मैंने यहां(मेरठ) की जिम्मेदारी ली है तो मैं उस जिम्मेदारी को पूरा करूंगा। मैं यहां रहकर लोगों की समस्याएं सुनूंगा।’
#WATCH मेरठ, उत्तर प्रदेश: मेरठ लोकसभा सीट से भाजपा के विजयी उम्मीदवार अरुण गोविल ने अपनी जीत पर कहा, “…अगर मुझे मेरठ में कार्य करना है तो मुझे मेरठ में ही रहना होगा… अगर मैंने यहां(मेरठ) की जिम्मेदारी ली है तो मैं उस जिम्मेदारी को पूरा करूंगा… मैं यहां रहकर लोगों की… pic.twitter.com/TcsctdoqqH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 6, 2024
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