गुवाहाटी, 10 जनवरी (भाषा) प्रख्यात भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना सोनल मानसिंह ने उभरते कलाकारों को अपने सुरक्षित क्षेत्र तक सीमित रहने के प्रति शुक्रवार को आगाह किया और इस बात पर जोर दिया कि उन्हें लगातार सीखते रहने तथा खुद की प्रतिभा निखारने का प्रयास करना चाहिए।
मानसिंह ने कहा कि मौजूदा समय में उभरते कलाकारों के लिए कहीं ज्यादा अवसर उपलब्ध हैं, इसलिए नयी पीढ़ी को जल्दी “हार नहीं माननी चाहिए’ और पूरे जुनून के साथ अपनी कला विधा में आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए।
मानसिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा, “अब इतने सारे अवसर हैं, जो हमें पहले कभी नहीं मिले थे। मेरे समय में कोई टेलीविजन नहीं था, कोई बड़े उत्सव नहीं हुआ करते थे। मौखिक प्रतिक्रियाएं और नृत्य समीक्षकों की समीक्षाओं से हमारी प्रतिभा आंकी जाती थी। अब सोशल मीडिया के आ जाने से मौखिक प्रतिक्रियाएं देना खत्म हो गया है।”
उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया या तो ‘थम्ब्स अप’ (तारीफ) देता है या ‘थम्ब्स हाउन’ (आलोचना) और युवा बहुत जल्दी हताश हो जाते हैं, वे अवसाद में चले जाते हैं।”
मानसिंह ने कहा कि उनकी पीढ़ी हर चीज को चुनौती के रूप में लेती थी और कभी अवसाद की चपेट में नहीं आती थी।
उन्होंने कहा, “अगर किसी अन्य कलाकार को 10 शो मिल रहे होते थे और मुझे दो, तो मैं इन दो में दिखाती थी कि मैं क्या कर सकती हूं। हमने केवल ज्यादा से ज्यादा मेहनत की। लेकिन अब लोग बहुत नाजुक हो गए हैं, वे जल्दी हार मान लेते हैं और इससे कभी मदद नहीं मिलेगी।”
भाषा पारुल धीरज
धीरज