श्रीनगरः Article 370 in Jammu and Kashmir विशेष दर्जा बहाली की मांग वाले प्रस्ताव पर बुधवार को हंगामे के बीच जम्मू-कश्मीर विधानसभा की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले सदन ने पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र और निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच बातचीत की मांग वाला प्रस्ताव पारित किया, जिसे लेकर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया। प्रस्ताव पारित होने के बाद विधानसभा में शोरगुल देखने को मिला क्योंकि भाजपा सदस्य प्रस्ताव का विरोध करने के लिए अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर ने कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। हालांकि, जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, भाजपा सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा और राठेर के खिलाफ नारे लगाए।
Article 370 in Jammu and Kashmir भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने कहा, ‘‘हमारे पास सूचना है कि आपने (विधानसभा अध्यक्ष) कल मंत्रियों की बैठक बुलाई और खुद ही प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया।’’ राठेर ने विरोध कर रहे भाजपा सदस्यों को अपनी सीटों पर जाने तथा सदन की कार्यवाही चलने देने के लिए कहा। शोरगुल के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने नेकां के जावेद हसन बेग को उपराज्यपाल के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पेश करने के लिए कहा। शोरगुल जारी रहने पर अध्यक्ष ने कार्यवाही को फिर से एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले, जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने हंगामे के बीच एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें केंद्र से पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों से बातचीत करने की मांग की गई है। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे केंद्र ने पांच अगस्त, 2019 को रद्द कर दिया था। चौधरी द्वारा पेश प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘यह विधानसभा विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी के महत्व की पुष्टि करती है, जिसने जम्मू और कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा की और उन्हें एकतरफा तरीके से हटाए जाने पर चिंता व्यक्त करती है।’’
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प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘यह विधानसभा इस बात पर जोर देती है कि बहाली की किसी भी प्रक्रिया में राष्ट्रीय एकता और जम्मू-कश्मीर के लोगों की वैध आकांक्षाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।’’ विपक्ष के नेता सुनील शर्मा सहित भाजपा सदस्यों ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह सूचीबद्ध कार्य का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रस्ताव को खारिज करते हैं। हमें जो कार्य सूची दी गयी थी, वह यह थी कि चर्चा उपराज्यपाल के अभिभाषण पर होगी।’’