नई दिल्ली। आईएएस की परीक्षा साल 2009 में टॉप करने वाले शाह फैसल ने 370 पर सरकार के फैसले का विरोध किया है। आपको याद दिला दें कि शाह फैसल वही हैं, जिन्होंने आईएएस की परीक्षा में टॉप करने के बाद अपने पद से इस्तीफा देकर जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक मुख्यधारा में शामिल होने के लिए J&K पीपुल्स मूवमेंट की स्थापना की है।
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आईएएस की नौकरी छोड़ जम्मू-कश्मीर की राजनीति में आए शाह फैसल ने घाटी में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने पर मोदी सरकार के खिलाफ कड़े शब्दों में विरोध जताया है। शाह फैजल ने कहा, ‘नई दिल्ली द्वारा विशेष राज्य का दर्जा खत्म करना और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटना जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक मुख्यधारा का पतन है। यह जम्मू-कश्मीर के उन सभी लोगों के चेहरे पर एक तमाचा है जिन्होंने भारतीय संविधान के मापदंडों के भीतर कश्मीर संघर्ष का समाधान मांगा।’
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शाह फैसल ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, ‘मैं इसे हमारे सामूहिक इतिहास में एक भयावह मोड़ के रूप में देखता हूं, एक ऐसा दिन जब हर कोई यह महसूस कर रहा है कि यह हमारी पहचान, हमारे इतिहास, हमारी भूमि पर हमारे अधिकार, हमारे अस्तित्व के लिए एक मौत की घंटी है। पांच अगस्त से नई युग की शुरुआत हो गई है।’
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कश्मीर निवासी शाह फैसल ने साल 2009 में आईएएस की परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त किया था। उन्होंने इस साल की शुरुआत में अपने भारतीय प्रशासनिक पद से त्यागपत्र देकर जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक मुख्यधारा में शामिल होने के लिए J&K पीपुल्स मूवमेंट की स्थापना की।
कश्मीर में मौजूदा तालाबंदी का जिक्र करते हुए JKPM प्रमुख ने कहा, ’80 लाख लोगों को अव्यवस्था के तहत लाना, उनके जीवन पर अभूतपूर्ण अंकुश लगाना, संपूर्ण संचार प्रणाली को बंद करना अत्यंत चिंताजनक है।’
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370 पर उन्होंने कहा, ‘यह चरमपंथी पक्ष है जिसे अब ताकत मिल जाएगी। वो लोग जो हमेशा मानते थे कि भारत सरकार कभी भी कश्मीर के लोगों के साथ नहीं होगी। यह आज उनकी जीत है, फिर चाहे वह कितना भी दुखद क्यों ना हो।’
शाह फैसल ने आगे कहा, ‘जब कश्मीर से कर्फ्यू हटा लिया जाएगा तब सरकार के कदम का वास्तविक ज्ञान होगा।’ उन्होंने सरकार के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ‘इस सरकार के फैसले के खिलाफ लोगों के प्रतिरोध को बढ़ाने की जरूरत है।’