( तस्वीर सहित )
अहमदाबाद, 11 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कुछ ‘राष्ट्र विरोधी’ अपने निहित स्वार्थों के लिए समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से उनके इरादों की गंभीरता को समझने और उन्हें हराने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
मोदी ने गुजरात के खेड़ा जिले के वडताल में श्री स्वामीनारायण मंदिर की 200वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए एकता और अखंडता महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘‘2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए नागरिकों के बीच एकता और राष्ट्र की अखंडता महत्वपूर्ण है। लेकिन दुर्भाग्य से कुछ लोग अपने निहित स्वार्थों या संकीर्ण मानसिकता के चलते हमारे समाज को जाति, धर्म, भाषा, पुरुष-महिला, गांव-शहर के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपने संबोधन में कहा, ‘‘हमें इन राष्ट्र-विरोधियों के इरादों की गंभीरता को समझना होगा और उन्हें हराने के लिए एकजुट होना होगा।’’
मोदी ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए पहला महत्वपूर्ण कदम ‘आत्मनिर्भरता’ है।
उन्होंने स्वामीनारायण सम्प्रदाय के सभी संतों से अनुरोध किया कि वे भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने लक्ष्य को पूरा करने में देश के प्रत्येक नागरिक को जोड़ें।
उन्होंने कहा कि जैसे आजादी के आंदोलन में एक शताब्दी तक समाज के भिन्न-भिन्न कोने से आजादी की ललक और आजादी की चिंगारी देशवासियों को प्रेरित कर रही थी, वैसी ही ललक और वैसी ही चेतना ‘विकिसत भारत’ के लिए 140 करोड़ देशवासियों में हर पल होना जरूरी है
उन्होंने कहा, ‘‘युवा, राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं और करेंगे। इसके लिए हमें सशक्त और शिक्षित युवाओं का निर्माण करना होगा। ‘विकसित भारत’ के लिए हमारे युवा सशक्त होने चाहिए। कुशल युवा हमारी सबसे बड़ी ताकत बनेंगे।’’
इस मौके पर मोदी ने श्रद्धालुओं को बताया कि वडताल स्वामीनारायण मंदिर से उनका जुड़ाव गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके दिनों से है।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने हाल ही में वडताल में स्वामीनारायण मंदिर के 200 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक सिक्का जारी किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘भगवान स्वामीनारायण हमारे सामने ऐसे समय में आए थे जब गुलामी के कारण हमारा देश कमजोर हो गया था और लोग इस स्थिति के लिए खुद को दोषी मानते थे। ऐसे समय में भगवान स्वामीनारायण और अन्य संतों ने हमारे स्वाभिमान को जगाया, हमें एक नई आध्यात्मिक ऊर्जा दी और हमारी मूल पहचान को फिर से जीवंत किया।’’
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कुशल भारतीय युवाओं की मांग भविष्य में कई गुना बढ़ेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘आज विश्व के अधिकतर नेता जिनसे मैं मिलता हूं, वे चाहते हैं कि भारतीय युवा आएं और उनके देश में काम करें। हमारे युवा भारत के साथ-साथ दुनिया की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हैं।’’
भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ‘विकास भी, विरासत भी’ के मंत्र में विश्वास करती है।
यूनेस्को द्वारा कुछ साल पहले अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर घोषित किए गए कुंभ मेले का जिक्र करते हुए मोदी ने स्वामीनारायण संप्रदाय से आग्रह किया कि वे अन्य देशों के लोगों को धार्मिक समागम का महत्व समझाएं और यह समझाएं कि इसे क्यों मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल जनवरी से फरवरी के बीच आयोजित होने वाला आगामी कुंभ मेला ‘पूर्ण कुंभ’ है क्योंकि यह 12 वर्षों के अंतराल के बाद मनाया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘आपके मंदिर दुनिया भर में स्थित हैं। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप अपने मंदिरों के माध्यम से इस कुंभ मेले के बारे में जागरूकता फैलाएं। आपको विदेशियों को कुंभ मेले के महत्व को भी समझाना चाहिए। यह क्यों मनाया जा रहा है, यह सब बताना चाहिए। दुनिया के प्रत्येक मंदिर को कुंभ मेले में कम से कम 100 विदेशियों को लाने की कोशिश करनी चाहिए। मुझे पता है कि आप ऐसा कर सकते हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि 200 साल पहले जिस वडताल धाम की स्थापना भगवान श्री स्वामीनारायण ने की थी, आज भी उसकी अध्यात्मिक चेतना को जागृत रखा गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम आज भी यहां भगवान श्री स्वामीनारायण की शिक्षाओं को, उनकी ऊर्जा को अनुभव कर सकते हैं।’’
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा
मनीषा