Farmers Protest
Farmers Protest: पंजाब।‘दिल्ली चलो’ आंदोलन में भाग ले रहे किसान नेताओं ने सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल तक ‘दाल, मक्का और कपास’ की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किए जाने के केंद्र के प्रस्ताव को सोमवार को खारिज करते हुए कहा कि यह किसानों के हित में नहीं है। उन्होंने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी कूच करने की घोषणा की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि ‘हम सरकार से अपील करते हैं कि या तो हमारे मुद्दों का समाधान किया जाए या अवरोधक हटाकर हमें शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली जाने की अनुमति दी जाए।’
बता दें कि किसान आंदोलन के बीच केंद्र ने रविवार को हुई चौथे दौर की बातचीत में कुछ फसलों पर MSP देने का प्रस्ताव दिया। सरकार चार फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई थी। केंद्र सरकार की ओर से धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्का और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया गया, लेकिन इसके लिए किसानों को NCCF, NAFED और CCI से पांच साल का करार करने की बात कही गई थी।
बता दें कि रविवार को हुई इस बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा था कि वे सभी संगठनों से विमर्श करके इस मुद्दे पर अपना फैसला सुनाएंगे। अब किसानों ने केंद्र के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। किसान संगठनों ने सोमवार देर शाम शंभू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र के प्रस्ताव को खारिज करते हुए अपनी आगे की रणनीति बताई।
किसानों का कहना है कि केंद्र के प्रस्ताव में कुछ दम नहीं है। इस प्रस्ताव से किसानों का कोई फायदा नहीं होगा। इसके साथ ही किसानों ने सरकार को मंगलवार तक का अल्टीमेटम दिया है। किसानों ने कहा है कि वे 21 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे।
सोमवार की रात को जब सरकार के तीन मंत्री किसानों के पास बात करने गए तो उन्होंने किसानों को कुछ चुनिंदा फसलों को MSP पर खरीदने की गारंटी दे दी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों के साथ वार्ता के बाद कहा था कि जो किसान अरहर दाल, मसूर दाल, उड़द दाल पैदा करते हैं या फिर कॉटन उपजाते, या फिर मक्का पैदा करते हैं उनकी सभी उपज को सरकार गारंटीड MSP पर खरीदने को तैयार है।
Farmers Protest: पीयूष गोयल ने कहा कि एनसीसीएफ (राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ) और नाफेड (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ) जैसी सहकारी समितियां उन किसानों के साथ अनुबंध करेंगी जो ‘अरहर दाल’, ‘उड़द दाल’, ‘मसूर दाल’ या मक्का उगाते हैं। अगले पांच वर्षों तक उनकी फसल एमएसपी पर खरीदी जाएगी।