अंबाला कैंट सीट से अनिल विज को सातवीं बार जीत का भरोसा

अंबाला कैंट सीट से अनिल विज को सातवीं बार जीत का भरोसा

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  • Publish Date - September 24, 2024 / 06:21 PM IST,
    Updated On - September 24, 2024 / 06:21 PM IST

(संजय गंजू)

अंबाला, 24 सितंबर (भाषा) …शाम ढल चुकी है और गर्मी से थोड़ी राहत मिली है, इसके बावजूद अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार अनिल विज पुराने अनाज मंडी इलाके की संकरी गलियों में अपने प्रचार के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं और इस कवायद में उनका सफेद कुर्ता पसीने से तर-बतर हो चुका है।

चुनाव प्रचार का एक और दिन समाप्ति की ओर बढ़ चला है, फिर भी 71-वर्षीय विज व्यस्त व्यावसायिक क्षेत्र से गुजरते वक्त अपने समर्थकों से घिरे हैं। उनके समर्थक नारा लगा रहे हैं, ‘‘नारे को न नाम को, वोट पड़ेगा काम को।’’

विज अंबाला कैंट से चुनाव लड़ रहे 11 उम्मीदवारों में से एक हैं। छह बार विधायक रहे विज के मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की बागी चित्रा सरवारा और कांग्रेस के परविंदर पाल परी हैं। फिर भी भाजपा उम्मीदवार को इस बात का पूरा भरोसा है कि वह आसानी से जीत दर्ज करेंगे।

प्रचार के दौरान अल्पविराम के बाद विज ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र में किए गए कामों के आधार पर वोट मांग रहा हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा नारा है ‘काम किया है, काम करेंगे’। ‘काम की राजनीति’ और ‘बातों की राजनीति’ के बीच चुनाव है।’’

विज सातवीं बार इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ हरियाणा में सत्ता कायम रखेगी।

हरियाणा के पूर्व मंत्री ने हाल ही में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि अगर पार्टी हरियाणा में सत्ता में लौटती है] तो वह मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश करेंगे। हालांकि, भाजपा ने यह कहते हुए उनकी दावेदारी को खारिज कर दिया था कि नायब सिंह सैनी ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।

चित्रा सरवारा को कांग्रेस ने पिछले सप्ताह पार्टी-विरोधी गतिविधियों के लिए छह साल के लिए निलंबित कर दिया था, इसके उपरांत वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में डटी हैं।

सरवारा पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की बेटी हैं। सिंह खुद अंबाला शहर से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।

पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद सरवारा ने अंबाला छावनी से निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था। वह विज से चुनाव हार गई थीं।

सरवारा ने कहा, ‘‘मैं लंबे समय से इस क्षेत्र में मुद्दों पर आधारित राजनीति कर रही हूं। पिछली बार भी मुझे लोगों से अच्छा समर्थन मिला था और इस बार भी मुझे जीत की उम्मीद है।’’

सरवारा ने कहा कि इस क्षेत्र में सीवेज, कचरा, सड़क, बुनियादी ढांचे और कुछ बड़ी परियोजनाओं में खामियों से जुड़े कई मुद्दे हैं। उन्होंने पूछा, ‘‘यहां विकास वास्तविक से ज्यादा दिखावटी है। कभी यहां उद्योग फलते-फूलते थे, लेकिन आज उनकी क्या हालत है?’’

उन्होंने कहा, ‘‘अंबाला बदलाव की तलाश में है।’’

विज के समर्थक उन्हें ‘गब्बर’ नाम से बुलाते हैं, ऐसे में सरवारा अकसर इस नाम को लेकर कटाक्ष करती नजर आती हैं। सरवारा ने कहा, ‘‘इसलिए मैं लोगों से कहती हूं कि चित्रा (सरवारा) को वोट दें, नहीं तो ‘गब्बर’ आ जाएगा।’’

इस बीच, विज ने विभिन्न विकास परियोजनाओं का उल्लेख किया है, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया है कि ये परियोजनाएं उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में शुरू की हैं, जिनमें ‘1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को समर्पित एक भव्य शहीदी स्मारक’ भी शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘‘अंबाला (भूजल की कमी के कारण) डार्क जोन में चला गया था। मैंने सुनिश्चित किया कि इसे नहर का पानी मिले, एक नई ‘अनाज मंडी’ बनी, एक विज्ञान केंद्र बन रहा है, हम एक बैंक स्क्वायर कॉम्प्लेक्स, फायर ब्रिगेड बिल्डिंग और होम्योपैथिक कॉलेज बना रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर एक पार्क तीन साल पहले बनाया गया था और पड़ोसी इलाकों से लोग इस पार्क को देखने आते हैं।

विज ने कहा कि घरेलू हवाई अड्डे का निर्माण तेजी से चल रहा है और इससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘अंबाला-साहा रोड चार लेन की थी। मैंने अंबाला में एक रिंग रोड बनवाई, जबकि अंबाला से शामली होते हुए वैकल्पिक सड़कें और अंबाला से पोंटा साहिब तक एक और सड़क बन रही है।’’

नब्बे-सदस्यीय हरियाणा विधानसभा के लिए मतदान पांच अक्टूबर को होगा और मतों की गिनती आठ अक्टूबर को होगी।

भाषा सुरेश दिलीप

दिलीप