तिरुपति, 23 नवंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने भगवान राम की एक प्राचीन मूर्ति की टूटी हुई उंगली को जोड़ दिया है। टीटीडी के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
टीटीडी के मुताबिक, माना जाता है कि यह मूर्ति करीब एक हजार वर्ष पुरानी है।
मंदिर प्रशासन ने कहा कि 2021 में भगवान राम के एक मेले के दौरान मूर्ति के बाएं हाथ की एक अंगुली मामूली रूप से क्षतिग्रस्त हो गयी थी, जिसके बाद मंदिर के अधिकारियों ने इसे अस्थायी रूप से एक सुनहरे कवच से ढक दिया था।
टीटीडी के एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि यह मूर्ति एक पहाड़ी के ऊपर मिली थी और माना जाता है कि यह करीब एक हजार साल पुरानी है।
तिरुमला में क्षतिग्रस्त मूर्तियों की मरम्मत 12 वर्षों में एक बार करने की परंपरा है और ऐसा अगला अवसर पांच वर्ष बाद 2030 में आएगा।
टीटीडी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ चूंकि, अभी पांच साल से अधिक का समय बाकी है, इसलिए जियर स्वामियों, आगम सलाहकारों और पुजारियों की एक समिति ने हाल ही में तिरुमला में वार्षिक ब्रह्मोत्सव के दौरान इसे उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया था। अधिकारियों ने समिति के सदस्यों से एक संप्रोक्षण (अनुष्ठानात्मक मरम्मत) कार्यक्रम आयोजित करने का अनुरोध किया है।’’
मंगलवार रात को मंदिर के अंदर संपांगी प्रकारम में आयोजित अनुष्ठान के एक भाग के रूप में, वैखानस आगम के सिद्धांतों के अनुसार कल्पाकर्षण, बिंबा वास्तु, महाशांति तिरुमंजनम और सयानाधिवासम अनुष्ठान किए गए।
बुधवार को विशेष होम, उसके बाद पूर्णाहुति और कलवाहन जैसे अनुष्ठान किए गए।
इसके अलावा, तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के आधिकारिक संरक्षक टीटीडी ने मूर्तियों को हुई मामूली क्षति को ठीक करने के लिए मंगलवार और बुधवार को तिरुमला मंदिर में श्री राम ‘अंगुली संधान संप्रोक्षण’ कार्यक्रम आयोजित करने का भी निर्णय लिया।
भाषा रवि कांत नेत्रपाल माधव
माधव
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