नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) पैरोल पर जेल से बाहर आए कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह और कश्मीरी नेता शेख अब्दुल रशीद ने शुक्रवार को संसद भवन के अंदर और बाहर कड़ी सुरक्षा के बीच लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली।
इंजीनियर रशीद के नाम से लोकप्रिय रशीद गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं जबकि सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत दर्ज मामले में असम के डिब्रूगढ़ की जेल में कैद हैं।
सुरक्षाकर्मी सुबह उन्हें संसद परिसर लाए थे।
लोकसभा के एक बुलेटिन में कहा गया है कि रशीद ने संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष के सभागार में कश्मीरी जबकि सिंह ने पंजाबी में शपथ ली।
सिंह (31) और रशीद (56) ने हाल ही में जेल में रहते हुए क्रमशः पंजाब के खडूर साहिब और जम्मू-कश्मीर के बारामूला से निर्दलीय उम्मदीवार के रूप में लोकसभा चुनाव जीता था।
वे अन्य विजयी उम्मीदवारों के साथ 24 और 25 जून को 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ नहीं ले सके थे।
रशीद को शपथ लेने के लिए दो घंटे की हिरासती पैरोल दी गई थी, जिसमें तिहाड़ से संसद भवन तक की यात्रा का समय शामिल नहीं था तथा सिंह को असम से दिल्ली आने जाने के मद्देनजर चार दिन की हिरासत पैरोल दी गई है, जो पांच जुलाई से शुरू हुई है।
सिंह के वकील राजदेव सिंह खालसा ने कहा था कि उन्हें ‘सैन्य विमान’ से दिल्ली ले जाया जाएगा।
उनके पैरोल आदेशों में कहा गया है कि अस्थायी रिहाई की अवधि के दौरान वे न तो किसी मुद्दे पर मीडिया से बात कर सकते हैं और न ही कोई बयान दे सकते हैं। उनके परिवार के सदस्य भी मीडिया में किसी भी तरह के बयान नहीं दे सकते।
खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख सिंह को दिल्ली में अपने परिवार से मिलने की अनुमति दी गई है, जबकि रशीद के परिवार को केवल उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की इजाजत मिली थी।
राशिद 2017 में अपनी गिरफ्तारी के बाद 2019 से जेल में है, उनकी पैरोल दिल्ली की एक अदालत ने मंजूर की थी, जबकि सिंह की पैरोल अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट ने मंजूर की थी, जहां से उन्हें अप्रैल 2023 में गिरफ्तार किया गया था।
सिंह को फरवरी 2023 में एक थाने में घुसने और अपने एक सहयोगी को हिरासत से छुड़ाने के प्रयास में पुलिसकर्मियों से झड़प करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
आदेश में कहा गया है कि पैरोल अवधि के दौरान हर समय सुरक्षाकर्मी सिंह और रशीद के साथ रहेंगे।
दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस को संसद परिसर के अंदर की प्रक्रियाओं के लिए लोकसभा के महासचिव के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया गया।
पूर्व विधायक रशीद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वताली के खिलाफ की गई जांच के दौरान सामने आया था, जिसे एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित रूप से धन मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने इस मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। मलिक को आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद 2022 में एक निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। भाषा जोहेब माधव
माधव