नई दिल्ली। PM Modi visit to America Latest Update : अमेरिका में इसी साल राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। इससे ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21-23 सितंबर को तीन दिन के लिए अमेरिका जा रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप उनसे मिलना चाहते हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन से भी प्रधानमंत्री की भेंट होगी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया है कि मोदी और बाइडन के बीच एक मुलाकात क्वाड बैठक के अतिरिक्त होगी, जहां भारत और अमेरिका के बीच इंडो-पैसिफिक इकोनमिक फ्रेमवर्क और ड्रग फ्रेमवर्क पर दो महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे।
बता दें कि पीएम मोदी जब भी अमेरिका जाते हैं भारतीय समुदाय से जरूर मुलाकात करते हैं। हालांकि भारतीयों को भी पीएम मोदी को सुनने और देखने के लिए काफी उत्साहित देखा जाता है। तो वहीं प्रधानमंत्री मोदी की आगामी अमेरिका यात्रा के बारे में अमेरिका में भारतीय समुदाय की सदस्य मोहिनी अग्रवाल कहती हैं, “…मैं आशा करती हूं कि वे यहां के लोगों, भारतीय समुदाय के लिए आसान आव्रजन सुनिश्चित करेंगे, वीजा के माध्यम से हमारे जीवन को आसान बनाएंगे और दुनिया भर में यात्रा करने में सक्षम बनाएंगे, भारत में अधिक निवेश लाएंगे, छात्रों को अमेरिका आने के लिए अधिक अवसर प्रदान करेंगे… मैं चाहूंगी कि वे ऐसी नीतियां बनाएं, जिससे अमेरिकी छात्र भी भारत आकर सीख सकें…”
#WATCH | New York: On PM Modi’s upcoming visit to US, Mohini Agarwal, a member of Indian diaspora in US says, “…I am looking forward to him enabling easier immigration for people here, the Indian diaspora, making our lives easier with visas and being able to travel back to the… pic.twitter.com/0cj9ibwMT8
— ANI (@ANI) September 19, 2024
प्रधानमंत्री 21 सितंबर को क्वॉड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। 22 सितंबर को अमेरिका में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे। 21 और 22 सितंबर को प्रधानमंत्री राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता और कंपनियों के सीईओ, भारतीय समुदाय के सम्मेलन समेत अन्य कार्यक्रम में व्यस्त रहेंगे। 23 सितंबर को प्रधानमंत्री को संयुक्त राष्ट्र में बेहतर कल के लिए बहुपक्षीय समाधान विषय पर अपना संबोधन देना है।
गौरतलब है कि यूक्रेन-रूस और इजरायल-हमास सैन्य संघर्ष चल रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री बहुपक्षीय समाधान पर जोर देने के साथ-साथ युद्ध और आतंकवाद जैसी स्थितियों को खारिज करते हुए संवाद, शांति और विश्व में स्थायित्व की स्थापना पर जोर देंगे।