मुस्लिमों के बिना अमरनाथ यात्रा संभव नहीं: कांवड़ यात्रा संबंधी आदेश पर उमर अब्दुल्ला ने कहा

मुस्लिमों के बिना अमरनाथ यात्रा संभव नहीं: कांवड़ यात्रा संबंधी आदेश पर उमर अब्दुल्ला ने कहा

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  • Publish Date - July 23, 2024 / 06:58 PM IST,
    Updated On - July 23, 2024 / 06:58 PM IST

श्रीनगर, 23 जुलाई (भाषा) नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के दौरान भोजनालयों पर उनके मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश पर उच्चतम न्यायालय द्वारा अंतरिम रोक लगाने का मंगलवार को स्वागत किया और कहा कि मुस्लिमों के सहयोग के बिना अमरनाथ यात्रा तक संभव नहीं है।

अब्दुल्ला ने कहा, “अगर यह (कांवड़ यात्रा संबंधी) आदेश मुसलमानों को उस यात्रा से दूर रखने के लिए जारी किया गया था, तो अल्लाह के लिए मुझे बताएं कि जब यहां (अमरनाथ) यात्रा होती है, तो वह मुसलमानों के बिना मुमकिन नहीं है।”

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर भोजनालयों पर उनके मालिकों का नाम प्रदर्शित करने संबंधी आदेश देना नहीं चाहिए था।

जम्मू- कश्मीर में वार्षिक अमरनाथ और वैष्णो देवी यात्राओं का जिक्र करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि ये मुसलमानों के सहयोग के बिना संभव नहीं हैं।

उन्होंने कहा, “अमरनाथ यात्री मुसलमानों के कंधों पर यात्रा करते हैं। जो लोग माता वैष्णो देवी यात्रियों को घोड़ों या पिट्ठुओं पर ले जाते हैं, वे किस धर्म से ताल्लुक रखते हैं? उन्हें (भाजपा को) वहां धर्म नहीं दिखता।”

उच्चतम न्यायालय ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों पर उनके मालिकों व कर्मचारियों के नाम और अन्य जानकारियों के प्रदर्शित करने संबंधी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर सोमवार को अंतरिम रोक लगा दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगे प्रतिबंध को हटाने के केंद्र के फैसले के बारे में पूछे गए एक सवाल पर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा कि “अगर उन्हें ऐसा करना है”, तो सरकारी कर्मचारियों के राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों में शिरकत से भी प्रतिबंध को हटाया जाना चाहिए क्योंकि “आरएसएस एक राजनीतिक संगठन है।”

उन्होंने कहा, “ऐसा आदेश राजनीतिक दलों के लिए भी जारी किया जाना चाहिए। सरकारी कर्मचारियों को राजनीतिक दलों में शामिल होने देना चाहिए।”

मंगलवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें संसद की कार्यवाही देखने का मौका नहीं मिला है। उन्होंने कहा, “हम देखेंगे कि जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ है या नहीं।”

उन्होंने कहा, “हमारे के लिए दो-तीन अहम मुद्दे हैं। जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है। शायद, देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर जम्मू-कश्मीर में है। हम देखना चाहते हैं कि क्या इससे जुड़ी कोई बात है।”

भाषा नोमान पवनेश

पवनेश