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अहमदाबाद, 23 जनवरी (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाने समेत ‘‘लगभग सभी’’ लंबित वैचारिक कार्यों को पूरा कर लिया है और वह अपने तीसरे कार्यकाल में भी उसी रास्ते पर आगे बढ़ेगी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता यहां गुजरात विश्वविद्यालय परिसर में ‘हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला’ का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे।
शाह ने दावा किया कि एक समय था जब हिंदू अपने ही देश में अपनी पहचान बताने से कतराते थे। उन्होंने कहा, ‘‘दस साल में स्थितियां बदल गई हैं। अब हमारी विचारधारा के अनुसार लगभग सभी लंबित कार्य पूरे हो चुके हैं, चाहे वह जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना हो, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो, तीन तलाक की समाप्ति हो या समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करना हो।’’
राष्ट्रीय स्तर पर हालांकि समान नागरिक संहिता लागू नहीं की गई है, लेकिन भाजपा शासित राज्य उत्तराखंड ने इसे लागू कर दिया है और शाह ने पिछले महीने राज्यसभा में कहा था कि इसे सभी राज्यों में लागू किया जाएगा।
शाह ने यहां अपने भाषण में कहा कि मोदी सरकार ने इन अधूरे कार्यों को दस साल में पूरा कर दिया जबकि पिछली सरकारों ने 70 साल तक इन्हें छुआ तक नहीं था।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में भी इसी दिशा में आगे बढ़ेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि यह गर्व की बात है कि ‘‘170 देशों ने योग को स्वीकार किया।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान, दुनियाभर के नेता यहां आए और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की, जो हमारे लिए भी गर्व की बात है।’’
हिंदू आध्यात्मिक सेवा मेले के बारे में बात करते हुए शाह ने कहा कि हिंदू मंदिरों और संगठनों ने आदिवासियों को शिक्षित करने या लाखों गरीब नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने समेत विभिन्न तरीकों से समाज की सेवा की है लेकिन उन्होंने कभी अपने काम का प्रचार नहीं किया।
उन्होंने इस आयोजन के माध्यम से सभी सेवा-उन्मुख हिंदू संगठनों को एक छत के नीचे लाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को धन्यवाद दिया।
शाह ने कहा कि सेवा मेले में समाज की भलाई के लिए काम करने वाले हिंदू संगठनों के लगभग 200 स्टॉल हैं, जिनमें से एक स्टॉल महारानी अहिल्याबाई होलकर को समर्पित है, जो 18वीं शताब्दी में इंदौर राज्य की शासक थीं।
भाषा
देवेंद्र रंजन
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