तिरुवनंतपुरम, 20 जून (भाषा) केरल में सत्तारूढ़ माकपा ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूडीएफ और उसके सहयोगी आईयूएमएल का इस्लामी संगठनों के साथ अस्वाभाविक गठबंधन और भाजपा द्वारा पैदा किया गया सांप्रदायिक विभाजन केरल में हालिया लोकसभा चुनावों में एलडीएफ की हार के कुछ प्रमुख कारण थे।
वाम दल के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने दावा किया कि वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) की हार के पीछे अन्य कारण लोगों का यह विश्वास था कि माकपा की तुलना में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में अग्रणी कांग्रेस भाजपा का मुकाबला करने में अधिक सक्षम होगी ।
उन्होंने दावा किया कि इसके अलावा केंद्र द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के कारण (राज्य) सरकार की कल्याणकारी गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) राज्य समिति और राज्य सचिवालय की बैठक के बाद गोविंदन ने कहा कि एलडीएफ की लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी ने हार के कारणों का व्यापक विश्लेषण किया है।
उन्होंने कहा, “हमने पाया कि संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और उसके सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) का एसडीपीआई, जमात-ए-इस्लामी और वेलफेयर पार्टी जैसे इस्लामी संगठनों के साथ अस्वाभााविक गठबंधन उन्हें एक खास अल्पसंख्यक समुदाय के वोट हासिल करने में मदद कर रहा है।”
गोविंदन ने कहा कि सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एसडीपीआई जैसे संगठनों को अलग-थलग करने के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि उनके साथ गठबंधन से राज्य में धर्मनिरपेक्षता के लिए दीर्घावधि में गंभीर परिणाम होंगे।
उन्होंने आगे दावा किया कि भाजपा एसएनडीपी योगम जैसे जाति-आधारित संगठनों और ईसाई समुदाय के मतदाताओं के बीच सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने में सफल रही, जिससे भगवा पार्टी को राज्य में बढ़त हासिल करने और त्रिशूर लोकसभा सीट जीतने में मदद मिली।
भाषा प्रशांत रंजन
रंजन