हिमाचल विश्वविद्यालय के पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश में अनियमितताओं का आरोप, जांच के आदेश

हिमाचल विश्वविद्यालय के पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश में अनियमितताओं का आरोप, जांच के आदेश

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  • Publish Date - January 22, 2025 / 08:12 PM IST,
    Updated On - January 22, 2025 / 08:12 PM IST

शिमला, 22 जनवरी (भाषा) हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के ‘यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ (यूआईटी) में पीएचडी दाखिले में कथित अनियमितताओं की शिकायत के बाद राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय अधिकारियों को मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

हिमाचल प्रदेश के रहने वाले और वर्तमान में गुरुग्राम में कार्यरत अभिषेक शर्मा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि यूआईटी को छोड़कर विश्वविद्यालय के 28 में से 27 विभागों ने विद्यार्थियों को नेट-जेआरएफ (कनिष्ठ अनुसंधान अध्येता), सीएसआईआर जेआरएफ या किसी अन्य राष्ट्रीय छात्रवृत्ति के आधार पर दाखिला दिया है।

ये दाखिले नवंबर 2024 में दिये गये थे।

शर्मा द्वारा आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यूआईटी ने एक छात्र को पात्र पाया और पीएचडी कार्यक्रम के लिए उसके पंजीकरण को स्थायी समिति में अंतिम रूप दिया जाएगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि छात्र को किसी भी एजेंसी से छात्रवृत्ति/फेलोशिप नहीं मिल रही है जबकि विज्ञापन के अनुसार, केवल छात्रवृत्ति पाने वाले छात्र ही पीएचडी प्रवेश के लिए पात्र हैं।

विश्वविद्यालय के शिक्षण विभागों में सत्र 2024-25 के लिए पीएचडी में सीधे प्रवेश (प्रवेश परीक्षा के बिना) के लिए आवेदन सितंबर 2024 में आमंत्रित किए गए थे।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि यह मानदंडों का स्पष्ट उल्लंघन है।

शिकायत में आरोप लगाया गया कि 27 विभागों ने अभ्यर्थियों को उचित माध्यम से प्रवेश दिया जबकि एक विभाग यूआईटी ने छात्र को बिना फेलोशिप के प्रवेश दिया।

शर्मा ने बताया कि आरटीआई आवेदन में इन अभ्यर्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्तियों/फेलोशिप के नामों के बारे में जानकारी मांगी गई थी लेकिन यूआईटी के सूचना अधिकारी ने जवाब दिया कि उन्हें कोई छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है।

संपर्क करने पर यूआईटी निदेशक अमरजीत सिंह ने बताया कि नामांकन स्थायी समिति द्वारा किया जाएगा।

संस्थान में पहली बार पीएचडी शुरू हो रहा है और केवल एक आवेदन प्राप्त हुआ है और प्रक्रिया जारी है।

उन्होंने बताया कि कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं कि प्रवेश हो चुका है लेकिन अंतिम निर्णय स्थायी समिति में लिया जाएगा।

भाषा जितेंद्र माधव

माधव