गुवाहाटी, 22 नवंबर (भाषा) कांग्रेस की असम इकाई ने राज्य में एज्यूर पावर द्वारा किए गए निवेश को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के दायरे में लाने की मांग की।
अमेरिकी अभियोजकों ने एज्यूर पावर पर गौतम अदाणी के साथ मिलकर सौर ऊर्जा अनुबंध प्राप्त करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया है।
विपक्षी दलों ने अरबपति व्यवसायी गौतम अदाणी पर लगे आरोपों की जांच जेपीसी से कराए जाने की मांग की है।
कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने दावा किया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने राज्य में सौर ऊर्जा परियोजनाओं को एज्यूर पावर को देने के लिए संभवत: रिश्वत ली होगी।
शर्मा ने दो साल पहले परियोजना का उद्घाटन किया था।
बोरा ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हमारी पार्टी पहले ही, अदाणी के खिलाफ लगाये गए आरोपों की जांच के लिए जेपीसी की मांग कर चुकी है। हम मांग करते हैं कि असम में एज्यूर पावर की परियोजनाओं को भी जेपीसी के गठन के बाद उसके दायरे में लाया जाए।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को कहा कि अदाणी समूह के विदेशों में निवेश और भारत में संस्थागत क्षरण सहित उसके कामकाज के सभी पहलुओं की जेपीसी द्वारा जांच वक्त की दरकार है।
कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष ने असम में एज्यूर पावर की परियोजनाओं का जिक्र करते हुए दावा किया कि इन परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए मुख्यमंत्री ने रिश्वत ली होगी।
उन्होंने कहा, “गौतम अदाणी असम आए थे और फरवरी 2022 में हमारे मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा से मिले थे। उसी साल जुलाई में राज्य सरकार ने 25 साल के लिए एज्यूर पावर से बिजली खरीदने के लिए एक समझौता किया था।”
बोरा ने कहा, “अमेरिकी जांच के निष्कर्षों के अनुसार हमारे पास यह मानने की वजह है कि यहां भी रिश्वत दी गई थी। हम मांग करते हैं कि अदाणी के लेन-देन की जांच के साथ-साथ असम में एज्यूर पावर की परियोजनाओं की भी जांच जेपीसी से कराई जाए।”
भाषा जितेंद्र सुभाष
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