अदाणी के खिलाफ आरोप: भाजपा ने कांग्रेस की आलोचना की,घटनाक्रम के समय पर सवाल उठाए

अदाणी के खिलाफ आरोप: भाजपा ने कांग्रेस की आलोचना की,घटनाक्रम के समय पर सवाल उठाए

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  • Publish Date - November 21, 2024 / 01:34 PM IST,
    Updated On - November 21, 2024 / 01:34 PM IST

नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अमेरिकी अभियोजकों द्वारा उद्योगपति गौतम अदाणी पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी का आरोप लगाए जाने के बाद केंद्र सरकार पर कांग्रेस के हमले को लेकर बृहस्पतिवार को पलटवार किया और कहा कि अभियोग में जिन राज्यों का जिक्र है उन सभी राज्यों में उस समय विपक्षी दलों का शासन था।

भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने इस घटनाक्रम के समय पर भी सवाल उठाया, क्योंकि यह संसद का सत्र शुरू होने और अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने से ठीक पहले हुआ है।

मालवीय ने कहा कि इससे कई सवाल उठते हैं। मालवीय ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के इस दावे कि अभियोग पत्र विभिन्न ‘‘मोदानी घोटालों’’ की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की कांग्रेस की मांग को सही साबित करता है, के जबाव में ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘कांग्रेस जॉर्ज सोरोस और उनके गुट के हाथों का मोहरा बनने को तैयार है।’’

मालवीय ने अमेरिकी संघीय अभियोजकों के अभियोग का हवाला देते हुए कहा कि जुलाई 2021 और फरवरी 2022 के बीच जिन राज्यों में सरकारी अधिकारियों को अदाणी समूह द्वारा कथित तौर पर रिश्वत दी गई वे ओडिशा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश हैं।

उन्होंने रमेश से कहा, ‘‘ यहां जिन राज्यों का जिक्र किया गया है वे सभी उस समय विपक्ष शासित थे। इसलिए आप प्रवचन देने से पहले कांग्रेस और उसके सहयोगियों द्वारा ली गई रिश्वत के बारे में जवाब दीजिए।’’

उस समय ओडिशा और आंध्र प्रदेश में बीजद और वाईएसआर कांग्रेस का शासन था, कांग्रेस की सहयोगी द्रमुक तमिलनाडु में सत्ता में थी और अब भी है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में थी।

रमेश पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिक्रिया देने से पहले अच्छा होता है कि पढ़ लिया जाए। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने जिस अमेरिकी दस्तावेज का हवाला दिया है उसमें कहा गया है कि अभियोग में आरोप लगाए गए हैं और जब तक दोष साबित नहीं हो जाते तब तक प्रतिवादी निर्दोष माना जाएगा।

भाजपा नेता ने कहा कि इस तरह तो कोई भारतीय अदालत भी कानूनी आधार पर अमेरिकी कंपनियों पर भारतीय बाजारों में प्रवेश रोकने के लिए अमेरिकी सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगा सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ क्या हमें कानून को अपना काम करने देना चाहिए और संबंधित कॉरपोरेट को अपना बचाव करने देना चाहिए या किसी अन्य देश की घरेलू राजनीति में हस्तक्षेप करना चाहिए।’’

उन्होंने कांग्रेस से अनावश्यक रूप से उत्साहित नहीं होने को कहा।

कांग्रेस, खासकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और अदाणी के बीच निकटता का आरोप लगाते रहे हैं और दावा करते रहे हैं कि बंदरगाह से लेकर ऊर्जा तक के क्षेत्रों में इस समूह को भाजपा सरकार से अनुचित लाभ मिला है।

दरअसल अमेरिकी अभियोजकों ने अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए। इस कथित योजना के तहत 2020 से 2024 तक 25 करोड़ डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी गई।

अदाणी पर आरोप हैं कि उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में सौर परियोजनाओं के अनुबंध और वित्त पोषण हासिल करने लिए बड़े पैमाने पर रिश्वत दी और यह बात उन्होंने अमेरिकी निवेशकों से छिपाई। अदाणी के साथ जिन अन्य लोगों पर आरोप लगे हैं, उनमें उनके भतीजे और अडानी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक सागर अदाणी और कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रहे विनीत जैन शामिल हैं।

भाषा शोभना नरेश

नरेश