Special Session of Parliament: संसद के विशेष सत्र में पास होगा महिला आरक्षण विधेयक! सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए कई दल

Special Session of Parliament सर्वदलीय बैठक : कई दलों ने संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की हिमायत की

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  • Publish Date - September 17, 2023 / 11:17 PM IST,
    Updated On - September 17, 2023 / 11:49 PM IST

Special Session of Parliament: नयी दिल्ली, 17 सितंबर । संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र से एक दिन पहले रविवार को सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ सहित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कई दलों ने सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की जोरदार हिमायत की, जिस पर सरकार ने कहा कि वह उपयुक्त समय पर निर्णय लेगी।

सोमवार से शुरू हो रहे सत्र की पूर्व संध्या पर बुलाई गई इस सर्वदलीय बैठक में सरकार ने आधिकारिक रूप से सूचित किया कि मंगलवार को गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर नये संसद भवन में प्रवेश करेंगे।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि जाति आधारित गणना, महंगाई, बेरोजगारी, चीन से जुड़ा सीमा विवाद, मणिपुर में स्थिति और कुछ स्थानों पर कथित सामाजिक संघर्ष जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग पार्टी की ओर की गई है। कुछ अन्य विपक्षी दलों ने भी इनमें से कुछ विषयों पर इसी तरह की राय रखी।

संसद के मॉनसून सत्र के दौरान 10 अगस्त को राज्यसभा में, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यकाल के संबंध में पेश विधेयक को आगामी सत्र में पारित कराने के लिए सरकार ने कार्यसूची में शामिल किया है, जिसकी कुछ विपक्षी पार्टियों ने आलोचना की है और उनके नेताओं ने इसे ‘असंवैधानिक’ बताया है।

हालांकि, बैठक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसी निर्वाचित संस्थाओं में महिला आरक्षण की जोरदार वकालत की गई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता प्रफुल्ल पटेल ने कांग्रेस एवं उसके सहयोगियों की इस मांग में उनका साथ दिया।

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साथ ही, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और बीजू जनता दल (बीजद) ने सरकार से आग्रह किया कि संसद की कार्यवाही नयी इमारत में स्थानांतरित होने के महत्वपूर्ण अवसर पर महिला आरक्षण विधेयक पारित कर इतिहास रचा जाए।

तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी में महिला सांसदों की अपेक्षाकृत बड़ी संख्या का उल्लेख किया और उसने महिलाओं के आरक्षण के लिए विधेयक की आवश्यकता का समर्थन किया।

सर्वदलीय बैठक के बाद बीजद नेता पिनाकी मिश्रा ने कहा कि नए संसद भवन से एक नए युग की शुरुआत होनी चाहिए और महिला आरक्षण विधेयक पारित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इस विचार के बड़े समर्थक हैं।

राकांपा नेता पटेल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह विधेयक आम सहमति से पारित हो जायेगा।

हालांकि, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और समाजवादी पार्टी जैसी कुछ क्षेत्रीय पार्टियों ने महिलाओं के लिए ऐसे किसी भी आरक्षण में पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति की महिलाओं का कोटा निर्धारित करने का मुद्दा उठाया।

महिला आरक्षण से संबंधित मांगों के बारे में पूछे जाने पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसे ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि सर्वदलीय बैठकों के दौरान पार्टियां अलग-अलग मांगें करती हैं। उन्होंने कहा कि उपयुक्त समय पर इस संबंध में फैसला लिया जाएगा।

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इसी तरह का एक विधेयक 2010 में राज्यसभा द्वारा पारित किया गया था, जिसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रावधान था। हालांकि, यह संसद के निचले सदन में पारित नहीं हो सका और लोकसभा के भंग होने के साथ ही यह स्वत: रद्द हो गया।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हाल में कश्मीर में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को सर्वदलीय बैठक में श्रद्धांजलि दी गई।

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में 13 सितंबर को आतंकवादियों ने सुरक्षा बल के चार जवानों – 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंचक, जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं भट और एक सैनिक की हत्या कर दी थी।

जोशी ने कहा कि 34 दलों के 51 नेताओं ने बैठक में भाग लिया, जिसमें सरकार ने पांच दिवसीय सत्र के सुचारू संचालन के लिए सभी दलों से सहयोग का आग्रह किया।

महिला आरक्षण विधेयक पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने इस संसद सत्र में इसे पारित कराने की मांग की और संसद बुलाने से पहले उनसे परामर्श नहीं करने के लिए सरकार की आलोचना की।

चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने उन्हें सूचित किया है कि यह संसद का नियमित सत्र है। उन्होंने कहा, ‘‘केवल सरकार ही जानती है कि उसकी मंशा क्या है। वह कुछ नए एजेंडे से सभी को हतप्रभ कर सकती है।’’

जोशी ने कहा कि नये संसद भवन में प्रवेश करने के समारोह से एक दिन पहले सोमवार को पुराने भवन में ‘‘संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 वर्षों की संसदीय यात्रा – उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख’’ पर चर्चा होगी।

इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी संसद में वक्तव्य देने की संभावना है।

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उन्होंने कहा कि नए संसद भवन में सरकार का काम बुधवार से शुरू होगा और उसके एजेंडे में कुल आठ विधेयक हैं।

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता तिरुचि शिवा ने सरकार पर सत्र बुलाने के कारण के बारे में अन्य दलों को अंधेरे में रखने का आरोप लगाया। उन्होंने आश्चर्य जताया कि जब शीतकालीन सत्र नवंबर में होने वाला था तो संसद की नियमित बैठक की क्या आवश्यकता थी।

उन्होंने आश्चर्य जताया कि क्या मंगलवार को सभी सांसदों के सामूहिक फोटो कार्यक्रम का मतलब यह है कि यह इस लोकसभा का आखिरी सत्र होगा।

विपक्ष के सूत्रों ने कहा कि शिवा ने बैठक में आज के कार्य सूची को फाड़ दिया और दावा किया कि उन्हें शुक्रवार रात को ही आमंत्रण मिला था और कार्यसूची पत्र केवल हिंदी में था।

सूत्रों ने बताया कि बीआरएस नेता के केशव राव ने सनातन धर्म को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा की आलोचना की।

कुछ विपक्षी नेताओं ने इस सत्र के दौरान प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं रखने के फैसले का भी विरोध किया। आम आदमी पार्टी (आप) के दो सांसदों संजय सिंह और राघव चड्ढा का निलंबन रद्द करने की भी मांग की गई।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा में सदन के उपनेता एवं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राज्यसभा में सदन के नेता और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) नेता एच.डी. देवेगौड़ा, द्रमुक सांसद कनिमोई, तेदेपा के राम मोहन नायडू, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, बीजद के सस्मित पात्रा, बीआरएस नेता के. केशव राव, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी. विजयसाई रेड्डी, राजद के मनोज झा, जदयू के अनिल हेगड़े और समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने बैठक में हिस्सा लिया।

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