छत्रपति संभाजीनगर, 10 जनवरी (भाषा) भाजपा विधायक सुरेश धस ने शुक्रवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को “कुछ दिनों में” पता चल जाएगा कि राकांपा नेता और उनके कैबिनेट सहयोगी धनंजय मुंडे की बीड में सरपंच हत्याकांड में कोई भूमिका है या नहीं।
महाराष्ट्र के बीड जिले के मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख को क्षेत्र में पवनचक्कियां स्थापित करने वाली एक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली का विरोध करने पर नौ दिसंबर को अगवा कर लिया गया था और कठोर यातनाएं दी गई थीं, जिससे उनकी मौत हो गई थी।
राज्य के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) का एक विशेष जांच दल (एसआईटी) देशमुख की हत्या और उससे जुड़े जबरन वसूली मामले की तफ्तीश कर रहा है।
बीड के परली विधानसभा क्षेत्र से विधायक मुंडे विपक्षी दलों के साथ सत्तारूढ़ ‘महायुति’ के कुछ नेताओं के निशाने पर हैं, क्योंकि देशमुख की हत्या से जुड़े जबरन वसूली मामले का मुख्य आरोपी वाल्मीक कराड उनका करीबी सहयोगी है।
धस ने एक स्थानीय समाचार चैनल से बातचीत में कहा, “अजित पवार को कुछ दिनों में पता चल जाएगा कि (हत्याकांड से मुंडे की) कोई भूमिका है या नहीं। मैंने कभी यह दावा नहीं किया कि (उनकी) कोई भूमिका है। मैं इस बारे में पक्के तौर पर कुछ नहीं कह रहा हूं और उन्हें (मुंडे के समर्थकों को) भी अभी दृढ़ता से कुछ नहीं कहना चाहिए।”
भाजपा विधायक ने पवार के मामले में मुंडे का समर्थन करने से जुड़े एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की।
बृहस्पतिवार को पुणे में पत्रकारों से मुखातिब पवार ने कहा था, “उन्होंने (मुंडे ने) दावा किया है कि उनका इस मामले से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि कोई भी एजेंसी मामले की जांच कर सकती है। आरोप लगाने वाले लोगों को अपने पास मौजूद सबूत जांच एजेंसियों को सौंपने होंगे।”
पवार ने कहा था कि सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ नेता और विपक्षी दल इस मामले के सिलसिले में आरोप लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए कि किसी के साथ अन्याय न हो।
धस ने आरोप लगाया कि पिछले एक साल में परली में 109 ‘लावारिस’ शव बरामद हुए, जिनमें से केवल चार की शिनाख्त की जा सकी, जबकि बाकी 105 का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
उन्होंने दावा किया कि सरपंच हत्याकांड में वाल्मीक कराड को जल्द नामजद किया जाएगा।
धस ने कहा कि मराठा और वंजारी समुदायों को इस घटना को लेकर आपस में नहीं लड़ना चाहिए, क्योंकि इससे “संतोष देशमुख वापस नहीं आएंगे।”
महाराष्ट्र में सरपंच हत्याकांड को लेकर जातीय टकराव भी शुरू हो गया है, क्योंकि देशमुख मराठा समुदाय के थे और कई आरोपी वंजारी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
भाषा
पारुल अविनाश
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