(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 पर शुक्रवार को जब छत का एक हिस्सा गिरा तो उस समय किसी चीज के टूटने जैसी कोई तेज आवाज नहीं हुई। हालांकि कारों पर (छत के हिस्से के साथ) लोहे की शहतीरें गिरने पर लोगों को घटना पता चली और वहां अफरा-तफरी मच गई व लोग मदद के लिए चिल्लाते नजर आए। हादसे के दौरान वहां मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने यह बात कही।
राष्ट्रीय राजधानी में भारी बारिश के बीच शुक्रवार को सुबह करीब पांच बजे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के ‘टर्मिनल-1’ की छत का एक हिस्सा वाहनों पर गिर जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हो गए। मृतक की पहचान अबतक नहीं हो पाई है। टर्मिनल के ‘पिक-अप’ और ‘ड्राप’ क्षेत्र की छत का एक हिस्सा और उन्हें सहारा देने वाली शहतीरों के गिरने से वहां कई कार क्षतिग्रस्त हो गईं।
एक अन्य कैब चालक ने बताया कि हादसे के समय बहुत कम लोग वहां मौजूद थे और ट्रैफिक भी सीमित था।
अधिकारियों ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने तत्काल घटना की जानकारी हवाई अड्डे पर तैनात स्थानीय पुलिस और अग्निशमन सेवा को दी।
घटना के समय ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया, ‘‘शहतीरों का वजन बहुत अधिक था, इसलिए हमने तत्काल अग्निशमन विभाग को क्रेन मशीन भेजने को कहा। अग्निशमन कर्मी और उनके अधिकारी भी सुबह करीब साढ़े पांच बजे क्रेन के साथ पहुंच गए थे।’’
पुलिस उपायुक्त (इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा) उषा रंगनानी ने बताया कि जहां पर छत गिरी है उसकी घेराबंदी कर दी है और टीम तैनात की गई है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि वहां तक कोई न जा सके।
उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस और सरकार की अलग-अलग टीम जांच के लिए उक्त स्थान का दौरा करेंगी। हमने इस उद्देश्य से इलाके की घेराबंदी कर दी है। हमारे पुलिसकर्मियों ने सुरक्षा बलों और दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के साथ मिलकर तुरंत बचाव अभियान शुरू कर दिया है।’’
भाषा धीरज पवनेश
पवनेश